Upper Yamuna Basin Map

लखवाड़ परियोजना से 6 राज्यों में पानी की समस्या का समाधान होगा

लखवाड़ परियोजना के पूरा हो जाने के बाद छह राज्यों में पानी की समस्या का समाधान हो सकेगा।

ऊपरी यमुना बेसिन क्षेत्र में लगभग एक हजार करोड़ रुपये की लागत वाली बहुउद्देशीय लखवाड़ परियोजना के निर्माण के लिए छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने मंगलवार को केन्द्र सरकार के साथ नई दिल्‍ली में एक समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए।

परियोजना पर आपसी सहमति बनाने के लिए सभी छह राज्यों के मुख्यमंत्रियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण तथा जहाजरानी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि इस परियोजना के पूरा हो जाने पर इन सभी राज्यों में पानी की कमी की समस्या का समाधान होगा, क्योंकि इससे यमुना नदी में हर वर्ष दिसंबर से मई-जून के सूखे मौसम में पानी के बहाव में सुधार आएगा।

लखवाड़ परियोजना को आरंभ में 1976 में मंजूरी दी गई थी, लेकिन इस परियोजना पर कार्य 1992 में रोक दिया गया। लखवाड़ परियोजना के अंतर्गत उत्‍तराखंड में देहरादून जिले के लोहारी गांव के नजदीक यमुना नदी पर 204 मीटर ऊंचा कंक्रीट का बांध बनना है।

समझौता ज्ञापन पर उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ, राजस्‍थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्‍धरा राजे, उत्‍तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, दिल्‍ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर नें हस्‍ताक्षर किए।

गडकरी ने आशा व्यक्त की कि राज्यों के बीच आम सहमति नहीं बनने के कारण कई वर्षों तक लटक जाने वाली इस तरह की कुछ और परियोजनाओं की अब शुरूआत हो सकेगी।

देहरादून जिले के लोहारी गांव के नजदीक यमुना नदी पर बनने वाले बांध की जल संग्रहण क्षमता 330.66 एमसीएम होगी।

इससे 33,780 हेक्‍टेयर भूमि पर सिंचाई की जा सकेगी और यमुना बेसिन क्षेत्र वाले छह राज्‍यों में घरेलू तथा औद्योगिक इस्‍तेमाल और पीने के लिए 78.83 एमसीएम पानी उपलब्‍ध कराया जा सकेगा।

परियोजना से 300 मेगावाट बिजली का उत्‍पादन होगा। परियोजना के निर्माण का कार्य उत्‍तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड करेगा।

उत्‍तराखंड, उत्‍तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्‍थान और दिल्‍ली छह ऊपरी यमुना बेसिन राज्‍य हैं।

ऊपरी यमुना से तात्‍पर्य यमुना नदी का उसके उद्भव से दिल्‍ली में ओखला बराज तक है।

छह राज्‍यों ने यमुना नदी के ऊपरी बहाव के आवंटन के सम्‍बन्‍ध में 12 मई, 1994 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए थे।

समझौते में ऊपरी यमुना बेसिन में संग्रहण की सुविधा सृजित करने की आवश्‍यकता को पहचाना, ताकि नियंत्रित तरीके से नदी के मानसून के पानी के बहाव का संरक्षण और उसका इस्‍तेमाल किया जा सके।

समझौता ज्ञापन में संग्रहण सुविधा के अंतर्गत नदी के वार्षिक इस्‍तेमाल योग्‍य पानी के बहाव के अंतरिम मौसमी आवंटन की भी व्‍यवस्‍था की गई थी।