साल 2019 का अंतिम आंशिक सूर्य ग्रहण (partial solar eclipse) आज 26 दिसंबर को दुनियाभर में हजारों लोगों ने देखा। यह दशक का अंतिम सूर्यग्रहण था।
भारत समेत कई देशों में आज आंशिक और कुंडलाकार सूर्य ग्रहण (annular solar eclipse) दिखाई दिया। ऐसा तब होता है, जब चंद्रमा सूर्य के केन्द्र को ढँक लेता है और सूर्य का केवल बाहरी किनारा नजर आता है। इसे रिंग ऑफ फायर (Ring of Fire) भी कहते हैं और सूर्य का आकार कुण्डलाकार दिखाई देता है।
दिल्ली में सूर्य ग्रहण (solar eclipse) सुबह आठ बजकर 17 मिनट पर शुरू हुआ और दस बजकर 56 मिनट पर समाप्त हुआ। सूर्य ग्रहण (solar eclipse) का समय दो घंटे उनतालीस मिनट रहा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने लाइव स्ट्रीम के जरिए सूर्य ग्रहण (solar eclipse) देखा।
एक ट्वीट संदेश में मोदी ने कहा “अनेक भारतीयों की तरह वे भी सूर्य ग्रहण (solar eclipse) का नजारा देखने के लिए बड़े उत्सुक थे।”
उन्होंने कहा कि आसमान में बादल होने के कारण वे सूर्य के दर्शन नहीं कर सके। लेकिन उन्होंने कोझीकोड और अन्य स्थानों से सूर्यग्रहण के दृश्य को कम्प्यूटर पर लाइव स्ट्रीम के जरिए देखा।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि उन्होंने सूर्यग्रहण के बारे में विशेषज्ञों के साथ बातचीत करके अपना ज्ञान बढ़ाया।
भारत में ग्रहण काल के दौरान मंदिरों औ अन्य देवालयों में शांत बैठकर ईश आराधना की परंपरा रही है। आज देश के अनेक मंदिरों में इसी तरह प्रार्थनाएं कीं और पवित्र नदियों और सरोवरों में स्नान किया।
इस सूर्य ग्रहण (solar eclipse) को भारत के अलावा पाकिस्तान, सऊदी अरब, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, श्रीलंका, मलेशिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर, उत्तरी मारियाना द्वीप समूह और गुयाना में भी देखा गया।
देश में, केरल के चेरथुर से पहली बार दुर्लभ आकाशीय प्रकृति लीला देखी गई। कर्नाटक और तमिलनाडु में भी अनेक लोगों ने कुंडलाकार सूर्य ग्रहण देखा जबकि जबकि बाकी देश में आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई दिया।
नॉर्वे स्थित साइट टाइमएंडडेट डॉट कॉम के अनुसार, सूर्य ग्रहण सऊदी अरब में शुरू होकर भारत के दक्षिणी हिस्सों से होता हुआ फिलीपींस के बाहर प्रशांत क्षेत्र में समाप्त हुआ।
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