जयपुर, 17 अगस्त (जनसमा)। शहर से लगभग 12 किलोमीटर दूर नाहरगढ़ बॉयोलॉजिकल पार्क में आगामी साल 2018 में देशी विदेशी पर्यटक लॉयन सफारी का आनंद ले सकेगें। जयपुर विकास प्राधिकारण पार्क में लॉयन सफारी को विकसित करने का कार्य कर रहा है ।
पार्क में गत दिनों शेरनी तेजिका ने तीन शावकों को जन्म दिया है । तीनों शावक पूर्णतया स्वस्थ हैं । इसके साथ-साथ पार्क में भेड़िये, सियार व लकड़बग्धा ने भी बच्चों को जन्म दिया है ।
राजस्थान के वन विभाग का मानना है कि वन्य जीवों के प्रजनन हेतु नाहरगढ़ बॉयोलॉजिकल पार्क माकूल साबित हो रहा है व पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है ।
वन विभाग के अनुसार प्राधिकरण द्वारा यह कार्य पूर्ण होने के पश्चात एशियाई शेरनी तेजिका, नर सिद्वार्थ व सुहासिनी को इस सफारी में शिफ्ट करने की विभाग की योजना है ।
नाहरगढ बायलोजिकल पार्क, नाहरगढ अभ्यारण्य जयपुर-नईदिल्ली राजमार्ग पर स्थित है। यह आरक्षित वन खण्ड आमेर 54 में पड़ता है। पार्क की जयपुर शहर से दूरी लगभग 12 किलोमीटर है। इस पार्क का कुल क्षेत्रफल 720 हेक्टेयर हैै। पार्क का मुख्य उद्देश्य वन्य जीवों एवं वनस्पति का संरक्षण करना है। साथ ही वन्यजीवों से सम्बंधित अनुसंधान एवं शिक्षा भी इसके उद्देश्य है।
वन्य जीवों के लिए पार्क में एक जल संरचना राम सागर है जो कि पक्षी प्रेमियों के लिये स्वर्ग के समान है। प्राचीन सूरा की बावड़ी तथा तीन शिकार होदिया भी आकषर्ण का केन्द्र है। नाहरगढ बायोलॉजिकल पार्क के 80 हेक्टेयर क्षेत्र में नाहरगढ जूलॉजिकल पार्क विकसित किया गया है।
नाहरगढ़ जूलॉजिकल पार्क में वर्तमान में 21 एनक्लोजर है। जिसमें संकटग्रस्त जाति के बाघ, शेर, बघेरा इत्यादि है। इन सभी प्रजातियों को उनके प्राकृतिक आवास में बनाये रखने का प्रयास किया गया है। इस जूलॉजिकल पार्क का उद्घाटन मुख्यमंत्री द्वारा 4 जून 2016 को किया गया था। नाहरगढ बायलोजिकल पार्क में लॉयन सफारी, एक्जोटिक पार्क, हरपेरेटियम एवं रामसागर पर हाथी सफारी प्रस्तावित है।
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