ग्लासगो, 28 फरवरी | फिल्मकार अलंकृता श्रीवास्तव की जिस फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने प्रमाणपत्र देने से मना कर दिया, उस फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ ने है। निर्देशक ने कहा कि यह अवार्ड मिलने का इससे बेहतर समय नहीं हो सकता था।
स्कॉटिश अभिनेता डेविड टेनेंट ने सोमवार को श्रीवास्तव को यह अवार्ड प्रदान किया।
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इस फिल्म के निर्माता प्रकाश झा हैं। फिल्म में कोंकणा सेन शर्मा और रत्ना पाठक के अभिनय से सजी यह फिल्म छोटे कस्बे में रहने वाली विभिन्न उम्र की चार महिलाओं की कहानी है, जो अपने-अपने तरीके से खुलकर अपनी जिंदगी जीना चाहती हैं।
भारत की केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ने इस फिल्म को 23 फरवरी को उत्तेजक दृश्यों और अपशब्दों का इस्तेमाल होने का आरोप लगाते हुए प्रमाणपत्र देने से मना कर दिया था।
अलंकृता श्रीवास्तव ने अपने बयान में कहा, “मैं बेहद सम्मानित महसूस कर रही हूं कि ग्लासगो फिल्म महोत्सव में ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ ने स्कॉटरेल ऑडियंस अवार्ड जीता है। फिलहाल जब कि महिला दृष्टिकोण के साथ बनी महिला प्रधान इस फिल्म को भारत में प्रमाणपत्र देने से मना कर दिया गया है, मुझे लगता है कि यह अवार्ड मिलने का इससे बेहतर समय नहीं हो सकता था।”
उन्होंेन कहा कि इस अवार्ड ने उन्हें उम्मीद और हौसला दिया है।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के फैसले का गोविंद निहलानी, फरहान अख्तर, विवेक अग्निहोत्री, पूजा भट्ट, सुशांत सिंह, आलिया भट्ट जैसी फिल्मी हस्तियों ने आलोचना की है।
–आईएएनएस
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