नई दिल्ली, 28 नवंबर | लोकसभा की कार्यवाही सोमवार को भी लगातार बाधित रही। विपक्ष स्थगन प्रस्ताव के तहत नोटबंदी पर चर्चा की मांग कर रहा है, जिसमें मतविभाजन का प्रावधान है। इस गतिरोध के बीच सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। नोटबंदी पर नियम 56 के तहत बहस कराने की विपक्ष की लगातार मांग के कारण लोकसभा की कार्यवाही शीतकालीन सत्र के प्रथम दिन (16 नवंबर) से लगातार स्थगित होती आ रही है। हालांकि सत्र के प्रथम दिन कूच बिहार से सांसद रेणुका सिन्हा के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई और उसके बाद कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई थी।
स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा में मतदान का प्रावधान है। सरकार का कहना है कि वह मतदान के खिलाफ है, क्योंकि इससे यह संदेश जाएगा कि इस मुद्दे पर राजनीतिक विभाजन है।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नोटबंदी पर एक बार फिर हंगामा शुरू हो गया, जिसके बाद जल्द ही कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल का संचालन करने का प्रयास किया, लेकिन हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर अध्यक्ष ने सदस्यों से नोटबंदी पर बोलने को कहा।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस स्थिति को ‘आर्थिक अव्यवस्था’ करार दिया।
उन्होंने कहा, “नोटबंदी की सर्वाधिक मार गरीबों पर पड़ी है। वे अपने खुद के खातों से पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं। यह आर्थिक अव्यवस्था है।”
खड़गे ने कहा, “हम काले धन को रोकने का समर्थन करते हैं, लेकिन इस तरह से नहीं।”
उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा का आग्रह किया।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नोटबंदी का फैसला देशहित में काफी विचार-विमर्श के बाद लिया गया है।
उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में आएंगे और चर्चा में हिस्सा लेंगे।
राजनाथ ने कहा, “यह काले धन के खिलाफ लड़ाई है और पूरे देश ने इसका समर्थन किया है। मैं यह भी स्पष्ट करना चाहता हूं कि चर्चा शुरू करें.. यदि सदस्य चाहते हैं कि प्रधानमंत्री सदन में उपस्थित हों तो वह जरूर आएंगे और यदि जरूरी होगा तो चर्चा में भाग भी लेंगे।”
विपक्षी सदस्यों ने हालांकि ‘स्थगन प्रस्ताव शुरू करो’ की नारेबाजी जारी रखी।
सदन में जारी हंगामे के बीच कार्यवाही अपराह्न् दो बजे तक स्थगित कर दी गई। –आईएएनएस
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