राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा है कि आगामी लोकसभा के चुनाव इस मायने में विशेष होगा कि 21वीं सदी में जन्म लेने वाले मतदाता, पहली बार, मतदान करेंगे और नई लोकसभा के गठन में अपना योगदान देंगे।
70वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम सन्देश में उन्होंने कहा कि 17वीं लोकसभा के निर्वाचन के लिए होने वाले आम-चुनाव में, हम सबकोअपने मताधिकार का प्रयोग करना है।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस चुनाव के दौरान, हम सब अपने मताधिकार का प्रयोग, अपनी लोकतान्त्रिक मान्यताओं और मूल्यों के प्रति पूरी निष्ठा के साथ करेंगे।
उन्होंने कहा कि यह चुनाव, इस मायने में विशेष होगा कि 21वीं सदी में जन्म लेने वाले मतदाता,पहली बार, मतदान करेंगे और नई लोकसभा केगठन में अपना योगदान देंगे।
इस समय एक महत्वपूर्ण मुकाम पर है। हमारे आज के निर्णय और कार्यकलाप, 21वीं सदी के भारत का स्वरूप निर्धारित करेंगे।
कोविंद ने कहा है कि भारत हर समूह, समुदाय, धर्म, पहचान और व्यक्ति के रूप में है क्योंकि बहुलवाद दुनिया की सबसे बड़ी ताकत और उदाहरण है।
उन्होंने कहा, भारतीय मॉडल विविधता, लोकतंत्र और विकास के एक तिपाई पर टिकी हुई है और देश एक दूसरे के ऊपर का चयन नहीं कर सकता है और यह इन तीनों के पास होना चाहिए
राष्ट्रपति ने कहा कि पारस्परिक सहयोग और साझेदारी के आधार पर ही समाज का निर्माण होता है। चाहे परिवार की खुशी हो, व्यवसाय में प्रगति हो, समाज और राष्ट्र का निर्माण हो, या फिर एक बेहतर विश्व-व्यवस्था की स्थापना हो, यह सभी उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति, समाज, सरकार और राष्ट्रों के आपसी सहयोग से ही प्राप्त किए जा सकते हैं।
कोविन्द ने कहा कि सहयोग और साझेदारी की यह भावना ही, पूरे विश्व को एक ही परिवार माननेवाले, ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के आदर्श का भी आधार है।
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