लोकसभा (Lok Sabha) ने सोमवार को देर रात लंबी चर्चा और मत विभाजन के बाद नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 ( Citizenship Amendment Bill, 2019) पारित कर दिया।
नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 ( Citizenship Amendment Bill, 2019) के पक्ष में 311 सदस्यों ने मतदान किया जबकि 80 सदस्यों ने विधेयक के विरोध में मतदान किया।
नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 ( Citizenship Amendment Bill, 2019) में अन्य बातों के अलावा, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे देशों से हिंदुओं, जैनियों, पारसियों, बौद्धों और ईसाइयों को नागरिकता देने की मांग की गई है, जो उत्पीड़न के कारण भारत आगए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 ( Citizenship Amendment Bill, 2019) के पारित होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सोमवार 09 दिसंबर,2019 की रात कहा रात एक ट्वीट में कहा, लोकसभा ने एक समृद्ध और व्यापक बहस के बाद नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, प्रस्तावित कानून भारत की सदियों पुरानी नैतिकता और मानवीय मूल्यों में विश्वास के अनुरूप है।
इससे पहले लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 ( Citizenship Amendment Bill, 2019) संविधान के अनुच्छेद 14 सहित किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं करता है।
जब विपक्ष ने गृह मंत्री से बार-बार यह पूछा कि अब विधेयक क्यों लाया गया है, तो उन्होंने कहा, धर्म के आधार पर भारत के विभाजन के कारण इसकी आवश्यकता थी।
उन्होंने तीनों पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में घटती अल्पसंख्यक आबादी की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा, नागरिकता संशोधन विधेयक, 2019 ( Citizenship Amendment Bill, 2019) मुसलमानों के खिलाफ भेदभावपूर्ण नहीं है।
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