नई दिल्ली, 05 अगस्त (जनसमा)। पूर्व केन्द्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू उप राष्ट्रपति चुन लिए गए। उन्होंने गोपालकृष्ण गांधी को हराया। वेंकैया नायडू को 516 वोट मिले जबकि गांधी को 244 वोट मिले। मतदान में 98.21 प्रतिशत सांसदों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू एनडीए उम्मीदवार थे, जबकि विपक्ष ने गोपाल कृष्ण गांधी को अपना संयुक्त उम्मीदवार बनाया था। वैसे आंकड़ों के खेल में वेकैंया नायडू का उपराष्ट्रपति चुना जाना लगभग तय था।
वेंकैया नायडू के चुनाव जीतने के बाद वे उपराष्ट्रपति बनने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पृष्ठभूमि के दूसरे नेता है। इससे पहले राजस्थान के भू पू मुख्यमंत्री और दिग्गज बीजेपी के नेता भैरों सिंह शेखावत इस पद के लिए 2002 में चुने गए थे। वह देश के 11वें उपराष्ट्रपति चुने गए।
वेंकैया नायडू का जन्म 1 जुलाई, 1949 को आंध्रप्रदेश के नेल्लोर जिले में हुआ। नेल्लोर में स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने विशाखापट्टनम के लॉ कॉलेज से अंतरराष्ट्रीय कानून में डिग्री ली।
उनका विवाह 14 अप्रैल, 1971 को उषाजी से हुआ। नायडू के एक बेटा हर्षवर्धन और बेटी दीपा वेंकट है।
युवावस्था में ही वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए थे। नायडू पहली बार 1972 में जय आंध्रा आंदोलन से सुर्खियों में आए। 1975 में इमरजेंसी के दौरान भी वे जेल गए ।
29 साल की उम्र में 1978 में पहली बार विधायक बने। 1983 में भी विधानसभा पहुंचे और राज्य में भाजपा के शीर्ष नेताओं की श्रेणी में आगए।
भाजपा में विभिन्न पदों पर रहने के बाद नायडू पहली बार कर्नाटक से राज्यसभा के लिए 1998 में चुने गए। इसके बाद से ही 2004, 2010 और 2016 में वह राज्यसभा के सांसद चुने जाते रहे।
उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 1999 में ग्रामीण विकास मंत्रालय का मंत्री बनाया गया।
वे 2002 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए और दिसंबर 2002 तक इस पद पर रहे । इसके बाद 2004 में वह फिर से दूसरी बार अध्यक्ष चुने गए।
एनडीए की हार के बाद साल 2004 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
भाजपा को 2014 में मिली ऐतिहासिक जीत के बाद उन्हें शहरी विकास मंत्रालय की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई। साथ में वे सूचना प्रसारण मंत्री का कामकाज भी देखते रहे।
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