भोपाल, 03 अगस्त (जनसमा)। मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश के नागरिकों को स्वाइन फ्लू प्रभावित राज्यों से आने वाले लोगों से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है। प्रदेश के निकटवर्ती महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और गुजरात में पिछले एक माह में स्वाइन फ्लू के प्रकरण बढ़े हैं।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री रूस्तम सिंह ने कहा है कि प्रदेश के निकटवर्ती राज्यों से आने वाले यात्रियों को यदि स्वाइन फ्लू के लक्षण जैसे सर्दी, जुकाम, खाँसी, गले में खराश, सिरदर्द और बुखार के साथ यदि सांस लेने में तकलीफ हो तो तत्काल शासकीय अस्पताल में जाकर पल्स ऑक्सीमीटर से तुरन्त अपनी जाँच करवायें। यदि स्वाइन फ्लू बीमारी पायी जाती है, तो सारे एहतियात बरतते हुए पूर्ण इलाज करवायें।
फाइल फोटो : स्वाइन फ्लू (एच1एन1) टेस्ट
स्वाइन फ्लू (एच1एन1) वायरस संक्रमण से होने वाली बीमारी है। सामान्यत: इसका संक्रमण संक्रमित व्यक्ति की छींक, खांसी आदि के सम्पर्क में आने से होता है। स्वाइन फ्लू का संक्रमण जुलाई से फरवरी माह के बीच ज्यादा सक्रिय रहता है। इस अवधि में लक्षण मिलने पर लापरवाही न बरतें, चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा दैनिक समीक्षा
स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वाइन फ्लू, मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया की प्रभावी रोकथाम के लिये रोज समीक्षा की जाकर उपयुक्त कदम उठाये जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग, नगरीय प्रशासन, गैस राहत विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर रोकथाम के प्रयास कर रहा है। लार्वा विनष्टीकरण के लिये गठित टीमें घरों में जाकर सर्वेक्षण कर रही हैं। प्रभावित मरीजों के घर के आसपास विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
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