भोपाल, 18 मई (जनसमा)। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनिल माधव दवे के निधन पर मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल ने गहरा शोक व्यक्त किया है। मध्यप्रदेश के राज्यपाल ओम प्रकाश कोहली ने शोक संदेश में कहा है कि दवे के निधन से देश और प्रदेश को अपूरणीय क्षति हुई है। राज्यपाल ने कहा है कि स्व. दवे के नर्मदा और पर्यावरण संरक्षण के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। दवे देशभक्त, जुझारू, व्यवहार-कुशल और बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी थे। वे साहित्यकार भी थे। हिन्दी और अंग्रेजी में लिखित उनकी पुस्तकें युवाओं को प्रेरणा देती रहेंगी।
फाइल फोटो : अनिल माधव दवे।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्रीय मंत्री के रूप में उन्होंने प्रशासनिक दक्षता और कुशलता का परिचय दिया था। उनके जैसे कुशल संगठक का निधन देश और प्रदेश के लिये अपूरणीय क्षति है। चौहान ने कहा है कि विश्वास नहीं होता कि दवे अब हमारे बीच नहीं है। वे नदी संरक्षक, पर्यावरणविद, मौलिक विचारक, कुशल संगठक और अदभुत व्यक्ति थे।
मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल में गृह एवं परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि दवे कुशल चिंतक, विचारक और पर्यावरणविद थे। पर्यावरण के हित के लिए उन्होंने माँ नर्मदा की परिक्रमा की और समाज को जागृत किया।
वणिज्य, उद्योग, रोजगार तथा खनिज साधन मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने शोक संदेश में कहा है कि स्व. दवे का नाम कुशल संगठक, लोकप्रिय तथा गंभीर राजनेता के रूप में शुमार था। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण में दिए उनके उल्लेखनीय योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।
कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि स्व. अनिल माधव दवे के आकस्मिक निधन की सूचना से गहरा आघात लगा है। स्व. अनिल माधव दवे महान विचारक, राजनेता एवं पर्यावरणविद थे। वे नदियों की स्वच्छता एवं सौन्दर्यीकरण अभियान के प्रणेता थे।
जनसंपर्क, जल संसाधन और संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने कहा कि दवे ने सार्वजनिक जीवन में सामाजिक सरोकारों से जुड़कर सक्रिय भूमिका निभाई। पर्यावरण के क्षेत्र में सैद्धांतिक और व्यवहारिक स्तर पर अध्ययन, अनुसंधान में रूचि रखते थे।
धर्मस्व एवं धार्मिक न्यास, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि अनिल माधव दवे का असामयिक निधन अविश्वसनीय है। दवे ने अपनी पूरी जिंदगी नदी के संरक्षण में लगा दी थी। भारत ने न सिर्फ एक कुशल राजनीतिक और समाजसेवी को बल्कि युवा वर्ग ने अपना पथ-प्रदर्शक और जुझारू संरक्षणकर्ता को खोया है।
नगरीय विकास मंत्री माया सिंह ने कहा कि दवे के निधन की खबर से स्तब्ध हूँ। स्वर्गीय दवे एक अच्छे राजनेता, लेखक, चितंक तथा पर्यावरण के जानकार थे। नर्मदा संरक्षण में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। प्रदेश ने श्रेष्ठ राजनेता और समाजसेवी को खो दिया है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने दवे के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने शोक संदेश में कहा है कि ‘एक विद्वान-पुरुष के इस तरह चले जाने से मैं स्तब्ध हूँ।’
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ललिता यादव ने कहा कि स्वर्गीय दवे एक श्रेष्ठ पर्यावरण-विद और समाज सुधारक थे। उनकी क्षति अपूरणीय है।
तकनीकी शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार), स्कूल एवं श्रम राज्य मंत्री दीपक जोशी ने कहा है कि अनिल माधव दवे के निधन से स्तब्ध हूँ। उन्होंने कहा कि नदी संरक्षण के क्षेत्र में दवे ने अतुलनीय कार्य किया है। जोशी ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की है।
राजस्व, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा है कि दवे कुशल संगठन के साथ ही कुशल प्रशासक भी थे। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उनके कार्य अनुकरणीय है।
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