मध्य प्रदेश सरकार सरकारी और निजी बालिका गृह, छात्रावास और बालिका सुधार गृह का सोशल ऑडिट करेगी।
यह घोषणा मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को की है। वह रतलाम जिले में जावरा स्थित बालिका गृह की रहवासी छात्राओं के साथ हुई ज्यादती और प्रताड़ना की घटना पर टिप्पणी कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस तरह की घटना को गंभीरता से लिया है।
उन्होंने कहा कि इनमें रह रही बेटियों से नियमित संवाद की व्यवस्था कायम की जायेगी ताकि समय रहते दरिंदगी और हैवानियत की घटनाओं पर सख्ती से रोक लगाई जा सके।
कमलनाथ ने सभी सरकारी और निजी बालिका गृह, छात्रावास और बालिका सुधार गृह की सतत निगरानी और निरीक्षण करने के निर्देश दिये हैं।
उन्होंने कहा कि पूर्व में भी ऐसी घटनाएँ प्रकाश में आई हैं। इसके लिये सभी जवाबदेह अधिकारियों और संस्था संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री नाथ ने कहा है कि पूर्व में भोपाल, ग्वालियर और हाल ही में रतलाम के जावरा में रहने वाली मूक-बधिर और निराश्रित मासूम बालिकाओं के साथ दरिंदगी की घटनाओं की जानकारी सामने आयी हैं।
सरकार ऐसी सभी घटनाओं पर सख्ती से पेश आयेगी और इसके लिये जो भी व्यक्ति जिम्मेदार होगा, उस पर कठोर से कठोर कार्रवाई की जायेगी।
कमल नाथ ने निर्देश दिये हैं कि पूर्व सरकार के समय निजी एवं एनजीओ द्वारा संचालित बालिका गृह एवं अन्य संस्थाओं की मनमर्जी को खत्म किया जायेगा और इन्हें मिल रहे अनुदान की सूक्ष्मता से जाँच की जायेगी।
उन्होंने कहा कि इन आश्रम गृहों में राजनैतिक दखलंदाजी को बंद किया जायेगा। ऐसी सभी संस्थाओं का सोशल ऑडिट होगा।
उन्होंने कहा कि कागजी और दिखावटी निरीक्षण बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। ऐसी संस्थाओं की अनैतिक गतिविधियों पर भी सख्ती से रोक लगाई जायेगी।
मुख्यमंत्री श्री नाथ ने संबंधित जवाबदेह अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे अपनी मानसिकता को बदलें। अपने दायित्व का निर्वहन पूरी जिम्मेदारी से करें। भविष्य में ऐसी घटनाएँ सामने आईंए तो कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
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