मध्य प्रदेश सरकार तीन सौ करोड़ रुपया खर्च करके में गरीब और कमजोर वर्ग के एक करोड़ 62 लाख परिवारों को मलेरिया रोग से बचाने के लिये कीटनाशक दवायुक्त मच्छरदानी निःशुल्क वितरित करेगी।
कीटनाशक दवायुक्त मच्छरदानी (Long Lasting Insecticidal Nets) नई तकनीक से बनाई गई है।
इसमें निर्माण के दौरान ही नायलोन के धागों में कीटनाशक दवा सिंथेटिक पायरेथ्राइड मिश्रित कर इसे बनाया गया है।
इस मच्छरदानी की मजबूती और कीटनाशक क्षमता अधिक समय तक प्रभावी रहती है।
कीटनाशकयुक्त मच्छरदानी में उपयोग किये गये कीटनाशक 3 वर्षों तक और 20 बार धुलाई करने तक प्रभावी रहते हैं। मच्छरदानी स्मॉल, मीडियम और लार्ज साइज में तैयार की जा रही है।
कीटनाशकयुक्त मच्छरदानी के उपयोग से मलेरिया के संक्रमण और अन्य मच्छर जनित रोगों से सुरक्षा मिलती है।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि एल.एल.आई.एन. के उपयोग के बाद मलेरिया के प्रकरणों में 60 से 80 प्रतिशत की कमी आना संभावित है। देश में वर्ष 2030 तक मलेरिया उन्मूलन के निर्धारित लक्ष्य को पाने में एल.एल.आई.एन. एक महत्वपूर्ण घटक है।
मुख्यमंत्री कमल नाथ छिन्दवाड़ा में और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट खंडवा में 26 जनवरी को मच्छरदानी वितरण कार्य का शुभारंभ करेगे।
मंत्रि-परिषद के अन्य सदस्य अपने-अपने प्रभार के जिलों में मच्छरदानी वितरण कार्य का शुभारंभ करेंगे।
प्रदेश में गरीब, कमजोर और अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग के एक करोड़ 62 लाख जरूरतमंद परिवारों को मलेरिया रोग के संक्रमण से बचाने के लिये कीटनाशक दवायुक्त मच्छरदानी नि:शुल्क वितरित की जायेगी। मच्छरदानियों की कुल अनुमानित लागत 300 करोड़ रुपये है।
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