cow

मध्य प्रदेश सरकार चार माह में एक हजार गौ शालाएँ खोलेगी

मध्य प्रदेश सरकार ने अगले चार माह के भीतर 1000 गौ-शालाएँ खोलने का निर्णय लिया है।

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 614 गौ.शालाएँ हैं जो निजी क्षेत्र में संचालित है। अब तक एक भी शासकीय गौ शाला संचालित नहीं है।

इस गौ.शालाएँ में एक लाख निराश्रित गौ.वंश की देख.रेख होगी और 40 लाख मानव दिवसों का निर्माण होगा।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में अब तक कोई भी शासकीय गौ.शाला नहीं खोली गयी थी ।

वचन पत्र का एक और वचन पूरा

मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मंगलवार को भोपाल में वचन पत्र का एक और वचन पूरा करते हुए प्रोजेक्ट गौ.शाला को तत्काल पूरा करने के निर्देश दिए।

ग्रामीण विकास विभाग प्रोजेक्ट गौ.शाला का नोडल विभाग होगा। ग्राम पंचायत, स्व.सहायता समूह, राज्य गौ.संवर्धन बोर्ड से संबद्ध संस्थाएँ एवं जिला समिति द्वारा चयनित संस्थाएँ प्रोजेक्ट गौ.शाला का क्रियान्वयन करेंगी।

मुख्यमंत्री ने निजी संस्थाओं से भी इस परियोजना में भाग लेने का आग्रह किया।

उन्होंने स्वामित्व संचालन और प्रबंधन के आधार गौ.शालाओं के संचालन की सम्भावनाएँ तलाशने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रोजेक्ट गौ.शाला से शहरों और गाँवों में निराश्रित पशुओं द्वारा पहुँचाये जा रहे नुकसान से निजात मिलेगी।

निराश्रित पशुओं को घर आश्रय मिलेगा। साथ ही ग्रामीण रोज़गार के भी अवसर निर्मित होंगे। चार माह बाद इन गौ.शालाओं का विस्तार होगा।

गौ.शाला प्रोजेक्ट के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति होगी। विकासखंड स्तर की समिति में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अध्यक्ष होंगे।

गौ.शाला में शेड, ट्यूबवेल, चारागाह विकास, बायोगैस प्लांट, नाडेप आदि व्यवस्थाएँ होंगी। फंड की व्यवस्था पंचायत, मनरेगा, एमपी.एमएलए फंड तथा अन्य कार्यक्रमों के समन्वय से होगी।

जिला समिति गौ.शालाओं के लिए स्थल चुनेंगी।