भोपाल, 14 फरवरी (जनसमा)। मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में स्वीकृत की गई 74 हजार 915 किलोमीटर में से 63 हजार 212 किलोमीटर ग्राम सड़क पूर्ण की गई है। इस पर स्वीकृत राशि 22 हजार 871 करोड़ रूपये में से 17 हजार 432 करोड़ रूपये का व्यय किया गया। एक सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क निर्माण और इस पर हुए व्यय की स्थिति के अनुसार महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और बिहार प्रदेशों की तुलना में मध्यप्रदेश देश में अव्वल है।
इस योजना के अंतर्गत एडीबी के सहायता से मार्गों की स्वीकृतियाँ प्राप्त की गई हैं। एडीबी द्वारा इन मार्गों के निर्माण एवं गुणवत्ता के लिये प्रदेश को ‘रूरल रोड प्रोजेक्ट’ में पुरस्कृत कर सराहना प्रदान की गई है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में निर्मित मार्गों के संधारण के लिये राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर ‘सीआईडीसी विश्वकर्मा पुरस्कार 2016’ से सम्मानित किया गया है। देश स्तर पर इस संधारण नीति की सराहना की गई है।
प्रदेश सरकार द्वारा पर्यावरण के लिए नुकसान पहुँचाने वाले प्लास्टिक कचरे का उपयोग करते हुए मार्गों का निर्माण कार्य किया जा रहा है। प्रदेश प्लास्टिक कचरे से मुक्त करने की दृष्टि से सबसे सफलतम प्रयोग कर स्वच्छ भारत मिशन में चल रहे कार्यक्रम में अहम भूमिका अदा कर रहा है। अभी तक लगभग 1600 कि.मी. मार्ग के निर्माण में 800 टन प्लास्टिक कचरे का उपयोग किया गया है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में निर्मित मार्गों से ग्रामीणों को शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यापार तथा विशेषकर कृषि संबंधित सुविधाओं में अत्यधिक वृद्धि देखी गई है। कृषक अपने कृषि उत्पादों को सीधे कृषि उपज मंडी में ले जाकर विक्रय कर लाभ प्राप्त कर रहा है। इस सुविधा से विचौलियों से छुटकारा तथा ग्रामीण जनता के पलायन में सर्वाधिक कमी देखी गई है। इन मार्गों के निर्माण से प्रदेश के ग्रामीणजनों का जीवन सुगम एवं सरल होने के साथ ही जीवन-स्तर में भी सुधार होने से आर्थिक विकास में भी वृद्धि हुई है।
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