भोपाल, 13 जून (जनसमा)। जहां देश के अनेक राज्यों में समाज के आर्थिक दृष्टि से कमजोर परिवारों के बच्चों को प्रायवेट स्कूलों में अनेक कारणों से दाखिला नहीं मिलता है, वहीं मध्यप्रदेश शासन द्वारा शुरू की गई योजना के कारण इस साल 2 लाख 11 हजार बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश मिलेगा। खास बात यह है कि इन सभी बच्चों की फीस राज्य सरकार देती है।
ऑनलाइन लॉटरी द्वारा वर्ष 2016-17 से ही यह प्रक्रिया शुरू की गयी है। इस साल 2 लाख 47 हजार आवेदन में एक लाख 34 हजार 539 बालक और एक लाख 12 हजार 476 आवेदन बालिकाओं के थे।वर्ष 2011-12 से 2016-17 तक 8 लाख 49 हजार बच्चे इससे प्रवेश ले चुके हैं।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि भोपाल की डी.पी.एस. जैसी स्कूलों में भी बच्चों को प्रवेश मिला है। ऑनलाइन आवेदन के लिए सभी विकास खण्ड में हेल्प सेंटर भी खोले गए थे। 51 जिलों में छात्रावास खोल रहे हैं। इनमें गरीब बच्चों को रखा जायेगा। 15 जून से सभी शासकीय स्कूल खुल जायेंगे।
इस प्रक्रिया में नर्सरी के लिये 74 हजार 183, केजी-1 के लिये 68 हजार 570, केजी-2 के लिये 17 हजार 267 और कक्षा एक के लिये 50 हजार 986 बच्चों को स्कूल आवंटित हुए। इनमें से बीपीएल परिवार के एक लाख 58 हजार 404, अनुसूचित जाति के 37 हजार 357, अनुसूचित जनजाति के 14 हजार 107, दिव्यांग 157 और अनाथ 82 बच्चे हैं।
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