Shivraj Singh

शहरी विकास के लिए 5 सालों में 86 हजार करोड़ रू. खर्च करेगा मध्यप्रदेश

भोपाल, 9 फरवरी । सम्पूर्ण मध्यप्रदेश का विकास ही राज्य सरकार का संकल्प है। इसे साकार करने के लिए आने वाले पाँच सालों में सरकार शहरी विकास के लिए 86 हजार करोड़ रूपए खर्च करेगी। नगर उदय अभियान के तहत बुधवार को प्रदेश में आयोजित कार्यक्रम दुनिया का पहला ऐसा कार्यक्रम है जिसमें एक साथ एक दिन में एक समय पर 12 लाख 68 हजार 480 हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है।

यह बात शिवराज सिंह चौहान ने जबलपुर के गैरीसन मैदान में नगर उदय अभियान के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में कही।

मुख्यमंत्री ने विकास के लिए जनता को सबसे महत्वपूर्ण कड़ी बताया। जनता न भटके, प्रशासन जनता के द्वार जाए और वार्डों में बैठकर ही उनके विकास का खाका तैयार हो, इसलिए यह अभियान चलाया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य मध्यप्रदेश को समृद्ध, विकसित, वैभवशाली और गौरवशाली बनाकर सम्पूर्ण विश्व पटल पर स्थापित करना है। मध्यप्रदेश मेरा मंदिर है। जनता उसकी भगवान है और जनता का पुजारी शिवराज सिंह चौहान है। इसके पहले मुख्यमंत्री ने 70 करोड़ से अधिक की लागत के विकास कार्यों का भूमि-पूजन एवं लोकार्पण भी किया। राज्य स्तरीय कार्यक्रम में 85 हजार 303 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया जिनमें जबलपुर नगरीय क्षेत्र के 67 हजार 86 हितग्राही शामिल थे।

शहर विकास के इंजन

मुख्यमंत्री ने शहरों को विकास के इंजन की संज्ञा दी। शहर रोजगार के साधन हैं, विकास का दर्पण हैं। प्रदेश के 378 शहर में प्रदेश की 30 प्रतिशत आबादी निवास करती है। इस आबादी के प्रत्येक पात्र हितग्राही को शासन की योजनाओं का लाभ मिले, यह हमारा उद्देश्य है।

एक मई से प्रदेश में पालीथीन पर बैन

मुख्यमंत्री ने एक मई 2017 से सम्पूर्ण प्रदेश में पालीथीन पर बैन लगाने का ऐलान भी किया। उन्होंने पालीथीन को पर्यावरण प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण बताया। उन्होंने कहा कि इसके लिए पालीथीन का विकल्प भी कागज और कपड़े की थैलियों के रूप में तैयार किया जा रहा है जिनके अधिकाधिक उपयोग का आव्हान उन्होंने जनता से किया।

31 मार्च तक सभी शहरों को करेंगे खुले में शौच से मुक्त

चौहान ने 31 मार्च तक प्रदेश के सभी शहरों को खुले में शौच के अभिशाप से मुक्त कराने की घोषणा की अब तक प्रदेश के 60 शहर खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं। यह एक बुराई है जिसके विरूद्ध हमारा स्वच्छ भारत मिशन चल रहा है।

स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी 378 शहरों में नल-जल योजनाओं के माध्यम से शुद्ध पेयजल मुहैया करवाने के लिए सरकार कृत-संकल्पित है। बहुत से शहरों में नल-जल योजनाओं के माध्यम से पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जा चुकी है। जिन शहरों में पेयजल की समस्या है वहाँ शीघ्र ही नल-जल योजना बनाकर कार्य करवाया जाएगा।

सीवरेज सिस्टम

मुख्यमंत्री ने शहरों में सबसे बड़ी समस्या सीवरेज सिस्टम न होना बताया। वर्तमान में 40 शहरों के लिए सीवरेज सिस्टम की योजना बनाई गई है जिसमें सीवरेज के पानी को ट्रीटमेंट प्लांट में ले जाकर और ट्रीट कर पाइप के जरिए बगीचों में छोड़ा जाएगा। उस पानी को नदियों में मिलने से रोका जाएगा। शीघ्र ही प्रदेश के सभी शहरों में सीवरेज सिस्टम स्थापित करने की दिशा में राज्य सरकार कदम उठाएगी।

20 शहरों में दौड़ेंगी 2100 बसें

प्रदेश में शहरी यातायात की व्यवस्था दुरूस्त करने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे बड़े कदम की जानकारी भी मुख्यमंत्री ने दी। उन्होंने कहा कि 20 शहरों में 450 करोड़ रूपए की लागत से 2100 बस की व्यवस्था की जा रही हैं। इससे शहरी यातायात व्यवस्था बेहतर हो सकेगी।

हर नागरिक होगा जमीन का मालिक
चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती में रहने वाले प्रत्येक नागरिक को जमीन का मालिक बनाया जाएगा। इसके लिए बजट सत्र में राज्य सरकार कानून बनाने जा रही है। इससे प्रदेश में रहने वाले सभी लोगों के पास जमीन होगी। ऐसा कानून बनाने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य होगा। जरूरतमंद नागरिकों को या तो जमीन के भूखण्डों का प्राधिकार पत्र दिया जाएगा या मकान। चौहान ने आने वाले दो साल में जरूरतमंदों के लिए शहरी क्षेत्र में 5 लाख मकान बनाने की बात भी कही।

फीस का वहन राज्य सरकार करेगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि कक्षा 12 वीं में 85 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा के लिए आईआईटी, आईआईएम, मेडिकल, इंजीनियरिंग यहाँ तक की नर्सिंग शिक्षा में चयन होने पर फीस का भुगतान राज्य सरकार करेगी। चौहान ने कहा कि 85 प्रतिशत से कम अंक लाने के बाद भी उच्च शिक्षा में बेहतर शिक्षण संस्थानों में चयन होने पर राज्य सरकार द्वारा बिना ब्याज के ऋण विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाया जाएगा जिसका भुगतान नौकरी लगने के बाद किया जा सकेगा।

ई-रिक्शा

मुख्यमंत्री ने साईकिल रिक्शा चालकों को भी बड़ी सौगात दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शीघ्र ही साईकिल रिक्शा का संचालन करने वालों को ई-रिक्शा उपलब्ध कराएगी।

ऑनलाइन मिलेगी भवन बनाने की अनुमति

नगरीय निकायों में भवन बनाने की अनुमति के लिए अब शहरवासियों को भटकना नहीं होगा। उन्होंने कहा कि नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा कार्य सुगम करने और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से अपने घर का नक्शा पास कराने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था प्रारंभ की जाने वाली है। इसमें आवेदक ऑनलाइन आवेदन कर बिना चक्कर काटे अपने घर का नक्शा पास करा सकेंगे।

नगरीय निकायों को प्रभारी अधिकारियों से मिलेगी मुक्ति

शीघ्र ही नगरीय निकायों को प्रभारी अधिकारियों से मुक्ति मिलेगी। इसकी कार्य-योजना तैयार की गई है। नए सीएमओ, उप यंत्रियों की भर्ती की जा रही है जो नगरीय निकायों में गुणवत्तापूर्ण कार्य करा सकें। साथ ही त्वरित निर्णय लेकर विकास के अन्य कार्यों का सम्पादन भी बेहतर ढंग से कर पाये।

इंदौर, भोपाल, उज्जैन के हितग्राहियों से की सीधी चर्चा

चौहान ने ऑनलाइन व्ही.सी. के माध्यम से इंदौर, भोपाल और उज्जैन के हितग्राहियों से सीधी चर्चा की। साथ ही उज्जैन, भोपाल और इंदौर के महापौरों से भी कार्यक्रम के आयोजन की जानकारी ली। जबलपुर की प्रीति अहिरवार ने अपना पक्ष मुख्यमंत्री के समक्ष रखा।

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से बिजली बनाने पर मुख्यमंत्री ने जबलपुर नगर निगम को बधाई देते हुए प्रशंसा की। पाँच शहरों में दीनदयाल थाली प्रारंभ की जाएगी जिसमें जरूरतमंदों को पाँच रूपए में भरपूर भोजन कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने ‘मिल-बांटे मध्यप्रदेश’ अभियान से जुड़ने की अपील भी की।

युवा उद्यमी योजना में पहले एक करोड़ रूपए तक का लोन दिलाया जाता था। इसमें 15 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार देती है। योजना में अब 10 लाख से लेकर 2 करोड़ रूपए तक का लोन शासन मुहैया कराएगी।