प्रकृति के पल-पल बदलते रूप और आकार को समझने की कला ही इंसान को सृजनशील बनाती है। जो लोग प्रकृति के साथ
अपना तालमेल बना लेते हैं वे जंगल और जीवों के बीच असीम आनंद का अनुभव करते हैं। फिर यही अनुभव सृजन और आनंद की भाषा बन जाता हैं।
ऐसे ही आनंद की अनुभूति होती है कमल एम मोरारका द्वारा खींचे गए वन्य जीवों के फोटोग्राफ्स देखकर। फोटोग्राफ्स में पशु-पक्षियों के आपसी व्यवहार, एंगल और लाइट एण्ड शेड्स को जीवंता के साथ दर्शाया गया है। प्रदर्शनी में प्रस्तुत किये गये फोटोग्राफ्स देश-विदेश के वन्य जीवों की शानदार छवि तो
दिखाते ही हैं, साथ ही उनकी सजीवता भी देखते
ही बनती है।
मोरारका फाउण्डेशन द्वारा आयोजित वन्य जीवों के फोटोग्राफ्स की यह प्रदर्शनी मुबंई की मशहूर जहांगीर आर्ट गैलरी में 15 जनवरी तक देखी जासकती है।
माोरारका की पहली फोटो प्रदर्शनी सन् 2011 में मुंबई की इसी आर्ट गैलरी में लगाई गई थी। बाद में दिल्ली में ललित कला अकादमी में, 2012 में सुदर्शन और सुकृति गैलरी, जवाहर कला केन्द्र जयपुर में, 2012 में ही भोपाल के रवीन्द्र भवन में तथा पुनः 2014 में जहांगीर आर्ट गैलरी में लगाई गई।
कहा जासकता है कि समय के साथ साथ वन्य जीवों की ये तस्वीरें दर्शकों के मन मस्तिष्क पर अपनी जगह बनाने में सफल रही। — बृजेन्द्र रेही
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