उज्जैन (Ujjain) में महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) के विकास पर मप्र सरकार तीन सौ करोड़ रु. खर्च करेगी। यह योजना दो चरणों में पूरी होगी।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री कमल नाथ की अध्यक्षता में 17 अगस्त, 2018 को आयोजित एक बैठक में यह फैसला लिया गया।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना समय-सीमा आधारित हो, जिसमें काम शुरु होने से लेकर उसके पूरे होने तक का समय निर्धारित हो। मंदिर के विकास और विस्तार के काम की मॉनिटरिंग मुख्य सचिव करेंगे।
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने बैठक में कहा कि भगवान महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) के कारण पूरे विश्व में मध्यप्रदेश की पहचान है। करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के इस केन्द्र का सुनियोजित विकास किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यहाँ श्रद्धालुओं के लिए ऐसी व्यवस्थाएँ हों, जिनके कारण वे एक-दो दिन रूकें।
योजना में महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) से जुड़ी पौराणिक गाथाएँ तथा अन्य आकर्षण शामिल हैं। इससे उज्जैन शहर और यहाँ के रहवासियों का भी विकास होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विस्तार और व्यवस्था में सुधार के दौरान महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) में मूल ढांचे के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
मुख्यमंत्री कमल नाथ के निर्देश पर गठित मंत्रियों की त्रिस्तरीय समिति में उज्जैन जिले के प्रभारी, लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, आध्यात्म मंत्री पी.सी. शर्मा एवं नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह सदस्य होंगे।
यह समिति महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) की व्यवस्थाओं से जुड़े लोगों और जन-प्रतिनिधियों से चर्चा कर विकास और विस्तार के संबंध में आवश्यक निर्णय लेगी।
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मुख्यमंत्री ने समिति को निर्देशित किया कि अगले तीन दिन में यह बैठक हो। उन्होंने महाकाल मंदिर एक्ट (Act) में संशोधन का प्रस्ताव भी इसी माह मंत्रिमंडल से अनुमोदित करवाने और 30 सितम्बर तक महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) के विकास की योजना को अंतिम रूप देकर काम शुरु करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री कमल नाथ के समक्ष प्रस्तुत महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) के विकास और विस्तार की योजना में बताया गया कि पहले चरण में यात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाने के साथ ही प्रवेश और निर्गम, फ्रंटियर यार्ड, नंदी हाल का विस्तार, महाकाल थीम पार्क, महाकाल कॉरिडोर,वर्केज लॉन पार्किंग आदि का विकास और निर्माण होगा।
दूसरे चरण में महाराज बाड़ा, काम्पलेक्स, कुंभ संग्रहालय, महाकाल से जुड़ी विभिन्न कथाओं का प्रदर्शन, अन्नक्षेत्र, धर्मशाला, रुद्रसागर की लैंड स्केपिंग, रामघाट मार्ग का सौंदर्यीकरण, पर्यटन सूचना केन्द्र, रुद्र सागर झील का पुनर्जीवन, हरि फाटक पुल, यात्री सुविधाओं एवं अन्य सुविधाओं का निर्माण और विस्तार किया जाएगा।
बैठक में महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष पुजारी ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के इतिहास में यह पहली बार है, जब किसी मुख्यमंत्री ने महाकाल मंदिर के विकास और व्यवस्थाओं में सुधार के लिए मंत्रालय में बैठक की है।
उन्होंने इसके लिए पुजारियों और श्रद्धालुओं की ओर से मुख्यमंत्री कमल नाथ को धन्यवाद दिया।
महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) के पुजारियों ने मुख्यमंत्री कमल नाथ को शाल-श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया और उन्हें भगवान महाकाल का प्रसाद दिया।
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