मुंबई, 22 अगस्त | महाराष्ट्र, देश के आतिथ्य और पर्यटन उद्योग में निवेश आकर्षित करने के मामले में शीर्ष पर उभरा है और कुल निवेश का लगभग 17 फीसदी प्राप्त करने में सफल रहा है। उद्योग संगठन एसोचैम द्वारा किए गए सर्वेक्षण में यह जानकारी मिली है। एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने ‘घरेलू पर्यटन : खजाना निकालो’ सर्वेक्षण के बारे में बताया, “राज्य ने करीब 15,500 करोड़ (2 अरब डॉलर) से अधिक का निवेश हासिल किया है, जबकि देश के आतिथ्य और पर्यटन उद्योग के क्षेत्र ने जून 2016 तक कुल 93,400 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया।”
इस क्षेत्र में निवेश का बड़ा हिस्सा दो पश्चिमी राज्यों को मिला जिसमें महाराष्ट्र और गुजरात (14.5 फीसदी) शामिल हैं।
रावत ने कहा कि दक्षिणी राज्यों में कर्नाटक (करीब 12 फीसदी) शीर्ष पर है। उसके बाद तमिलनाडु (10 फीसदी) पूर्वी राज्यों में पश्चिम बंगाल (9 फीसदी), शीर्ष पांच राज्यों में रहे।
File Photo( IANS ) : ASSOCHAM Secretary General DS Rawat.
उन्होंने आगे कहा कि इस क्षेत्र में मुख्य जोर विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करना है। लेकिन घरेलू पर्यटन 1991 के 95.5 फीसदी की तुलना में 2015 में 98 फीसदी रही। हालांकि विदेशी पर्यटकों की हिस्सेदारी में तेज गिरावट देखने को मिली और इसी अवधि में यह 4.5 फीसदी से गिरकर 1.6 फीसदी हो गई।
संख्या के संदर्भ में 1991 में कुल 6.7 करोड़ घरेलू पर्यटक थे जो 2015 में बढ़कर 143.2 करोड़ हो गए।
हालांकि विदेशी पर्यटकों की हिस्सेदारी घटी है, लेकिन उनकी संख्या बढ़ी है और इस अवधि के दौरान उनकी आमद बढ़कर 2.3 करोड़ हो गई। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
इस अध्ययन में कहा गया कि भारत में घरेलू पर्यटकों की संख्या साल 2015 के 143 करोड़ से बढ़कर साल 2020 तक 227 करोड़ होने की क्षमता है।
रावत ने कहा, “भारत की अर्थव्यवस्था में विकास, मध्य वर्ग का विस्तार और उनकी जीवनशैली के बढ़ते पश्चिमीकरण को देखते हुए आनेवाले वर्षो में तेजी से वृद्धि की उम्मीद की जा सकती है।”
इसके लिए जरूरी है कि केंद्र और राज्य सरकारें घरेलू पर्यटन को अधिक प्राथमिकता दे। इससे बड़े पैमाने पर रोजगार भी पैदा होंगे।
पर्यटकों को आकर्षित करने के मामले में तमिलनाडु दस राज्यों में शीर्ष पर रहा और साल 2015 में कुल 143 करोड़ पर्यटक में से 23 फीसदी से ज्यादा वहां गए। उसके बाद उत्तर प्रदेश में 14 फीसदी पर्यटक गए।
उसके बाद आंध्र प्रदेश में 8.5 फीसदी, कर्नाटक में 8.4 फीसदी, महाराष्ट्र में 7.2 फीसदी, तेलंगाना में 6.6 फीसदी, मध्य प्रदेश में 5.4 फीसदी, पश्चिम बंगाल में 4.9 फीसदी, गुजरात और राजस्थान (दोनों में 2.5-2.5 फीसदी) में पर्यटक आाए।
सालाना आधार पर पश्चिम बंगाल में 2014-15 के दौरान सबसे अधिक बढ़ोतर देखी गई और घरेलू पर्यटकों की संख्या में 43 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई। उसके बाद तेलंगाना में 30.5 फीसदी, आंध्र प्रदेश में 30.3 फीसदी, मध्य प्रदेश में 22.6 फीसदी और गुजरात में 17.4 फीसदी वृद्धि हुई।
–आईएएनएस
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