उपराष्ट्रपति (Vice President) एम. वेंकैया नायडू (M Venkaiah Naidu) ने पुलिसिंग ( policing) और पुलिस स्टेशनों (Police stations) को लोगों के अनुकूल बनाएं।
उन्होंने कहा “हम थानों को लोगों के अनुकूल बनाने के लिए कई सालों से बात कर रहे हैं। दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो रहा है। जब तक वरिष्ठ अधिकारी थानों (Police stations) में माहौल सुधारने का बीड़ा नहीं उठाएंगे तब तक स्थिति नहीं बदल सकती हैं।”
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू आज शनिवार, 5 अक्टूबर, 2019 को स्मार्ट पुलिस व्यवस्था (SMART Policing) पर आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
इस संगोष्ठी का आयोजन इंडियन पुलिस फाउंडेशन, नेशनल सेंटर फॉर गुड गवर्नेंस और ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (बीपीआर एंड डी) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि थानों (Police stations) में हरेक शिकायत को अवश्य पंजीकृत किया जाना चाहिए और उस संबंध में पूछताछ की जानी चाहिए।
उन्होंने थानों (Police stations) में माहौल को बेहतर करने पर भी जोर दिया ताकि उन्हें शिकायत दर्ज करने के लिहाज से अनुकूल बनाया जा सकें।
उन्होंने कहा कि आम लोगों को यह विश्वास होना चाहिए कि पुलिस कर्मी उसकी शिकायत का निवारण करने में समर्थ हैं। आप इस बात से सहमत होंगे कि वर्तमान में शिकायतकर्ता इस गलतफहमी के साथ थाने (Police stations) में प्रवेश करता है कि क्या उसकी रिपोर्ट दर्ज की जाएगी या उसके साथ कैसा व्यवहार किया जाएगा।
स्मार्ट पुलिस व्यवस्था (SMART Policing) के बारे में प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वीआईपी सुरक्षा (VIP security ) से निपटने और वीवीआईपी लोगों के आवाजाही के दौरान यातायात के प्रबंधन (regulating traffic) के लिए अभिनव दृष्टिकोण से सोचने की जरूरत है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुझाए गए पुलिस सुधारों को लागू करने के अलावा श्रमबल की कमी को दूर करने, परिवहन एवं संचार सुविधाओं को बेहतर करने और फोरेंसिक प्रयोगशालाएं स्थापित करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर इंडियन पुलिस फाउंडेशन के अध्यक्ष एन. रामचंद्रन, पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के महानिदेशक वी. एस. के. कौमुदी, इंडियन पुलिस फाउंडेशन के चेयरमेन प्रकाश सिंह, कार्मिक प्रशासनिक सुधार के सचिव चंद्रमौलि एवं अन्य उपस्थित थे।
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