नई दिल्ली, 06 जून (जनसमा)। पहली जुलाई से जीएसटी का लागू होना देश के इतिहास में एक बड़े बदलाव का प्रतीक है। उन्होंने सचिवों से कहा कि वे इस बदलाव के लिए सकारात्मक तौर पर तैयारी करें ताकि सहज रूप से सुधार सुनिश्चित हो।
इस बात पर जोर देते हुए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को भारत सरकार के सभी सचिवों, मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ औपचारिक बैठक की।
प्रधान मंत्री ने कहा कि सचिवों के पास मानवता के छठे हिस्से के जीवन स्तर में सुधार लाने का एक अवसर था। उन्होंने उनसे कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ यानि वर्ष 2022 के लिए ठोस लक्ष्य निर्धारित करें।
प्रधान मंत्री ने सचिवों का आह्वान करते हुए कहा कि वे देश के विकास के लिए अपने संबंधित मंत्रालयों की सीमा रेखा से बाहर भी काम करें। वित्तीय समावेशन (जनधन योजना) और व्यापक रोगप्रतिरक्षण (मिशन इंद्रधनुष) जैसे उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में सरकारी तंत्र के एक टीम के रूप में एकजुट होकर काम करने से कुछ सर्वश्रेष्ठ परिणाम निकले हैं। उन्होंने कहा कि संस्थाएं निश्चित रूप से परिणामोन्मुखी होनी चाहिए।
स्वच्छता अभियान के बारे में प्रधान मंत्री ने कहा कि जनता इसका जोरदार समर्थन देने के लिए आगे आई है और इसके बल पर प्रशासनिक स्तर पर एक क्रांति हो रही है।
नरेन्द्र मोदी ने भारत के 100 सबसे अधिक पिछड़े जिलों के लिए एक मिशन मोड पहल के लिए भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इन जिलों के लिए एक छोटी समय-सीमा में विभिन्न मानदंडों पर आधारित विशेष लक्ष्य निर्धारित किया जाना चाहिए।
केंद्रीय मंत्रियों – राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, श्रीमती सुषमा स्वराज और नितिन गडकरी ने भी सचिवों को संबोधित किया।
इससे पहले, सचिवों ने भी शासन के विभिन्न क्षेत्रों पर आधारित कुछ सुझाव दिए।
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