चित्रकूट, 10 सितम्बर। मन्दाकिनी नदी किनारे स्थित सभी प्राकृतिक जल-स्त्रोतों का सर्वे कराया जाकर उन्हें सतत अविरल बनाया जायेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को चित्रकूट के परमहंस आश्रम पहुँचकर अत्रि मुनि और प्राचीन अनसुईया मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना की। उन्होंने मंदिर के सामने मन्दाकिनी नदी के घाटों का अवलोकन किया और नदी से मिलने वाले साफ, स्वच्छ जल-स्रोतों को भी देखा।
चौहान ने चित्रकूट के धार्मिक, आध्यात्मिक और पर्यटन महत्व के स्थलों के सौन्दर्यीकरण और जन-सुविधाओं के विकास की दृष्टि से भ्रमण किया।
चौहान ने गुप्त गोदावरी के दोनों सीढ़ी मार्गों पर शेड बनाने, स्वच्छता और डस्टबिन रखने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस सुरम्य स्थान को और अधिक रमणीक और सुविधाजनक बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि चित्रकूट के 84 कोस परिक्रमा के मार्ग में पड़ने वाले सभी आध्यात्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को मूल स्वरूप में छेड़-छाड़ किये बिना सुविधा सम्पन्न बनाया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने हनुमान धारा, वन देवी, जानकी कुंड, स्फटिक शिला, राघव घाट, सरभंगा सुतीक्ष्ण आश्रम और अष्टभुजी मंदिर का भी दर्शन और निरीक्षण किया।
वन देवी और जानकी कुंड में महिलाओं के लिये भी पर्याप्त सुविधाएँ विकसित की जायेंगी। चित्रकूट में लाईट एण्ड साउण्ड शो और ओपन थियेटर के निर्माण पर भी चर्चा की गई।
चौहान ने कहा कि ऐसे स्थल का विकास करें जिसमें एक से दूसरे सिरे तक तुलसीकृत रामायण की चौपाइयाँ लिखी हों। चित्रकूट में होने वाला रामायणम् इस वर्ष फिर से प्रारंभ होगा।
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