खंडवा, 24 नवंबर | मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मुठभेड़ में मारे गए स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ विचाराधीन कैदियों में से पांच को खंडवा में दफनाया गया था। इनकी कब्र पर लगाए गए शिलालेख में उन्हें शहीद बताया गया है। इस बात का खुलासा होने पर शहादत की लाइनों पर पेंट करा दिया गया है, मगर शिलालेख लगे हुए हैं।
ज्ञात हो कि भोपाल केंद्रीय जेल से सिमी के आठ विचाराधीन कैदी दिवाली की रात फरार हो गए थे और बाद में 31 अक्टूबर को भोपाल के गुनगा थाना क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में मारे गए थे। इनमें से पांच अकील खिलजी, महबूब, अमजद, जाकिर और सलीक को बड़ा कब्रिस्तान में दफनाया गया था। इन पांचों की कब्र पर पिछले दिनों शिलालेख लगाए गए। इन शिलालेखों पर आयत के साथ उन्हें शहीद भी बताया गया।
फोटो : 31 अक्टूबर 2016 को मुठभेड़ स्थल पर जमा भीड़ और मारे गए कैदी। (आईएएनएस)
यह शिलालेख काले रंग के मार्बल पत्थर के हैं और इन पर सफेद पेंट के जरिये लिखा गया है। शिलालेख के एक हिस्से में आयत तो दूसरे हिस्से में शहादत का जिक्र है। इसके साथ ही कब्र के चारों ओर सीमेंट ईंट आदि भी लगा दी गई है। यहां पिछले कई दिनों से निर्माण कार्य चल रहा है। पांचों सिमी कार्यकर्ताओं की कब्र आसपास ही है।
सोशल मीडिया पर बुधवार को सिमी के पांचों विचाराधीन कैदियों की कब्र पर लगे शिलालेखों का वीडियो वायरल हुआ तो सब सकते में आ गए, क्योंकि इन शिलालेखों में उनकी मौत को शहादत बताया गया था। इस वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में आया, उस हिस्से पर रात में आनन-फानन में पेंट कर दिया गया, जहां उन्हें शहीद बताया गया है।
खंडवा के पुलिस अधीक्षक एम. एस. सिकरवार ने गुरुवार को आईएएनएस से चर्चा के दौरान स्वीकारा कि शिलालेखों पर मृतकों को शहीद बताया गया था और उन्हें पेंट करा दिया गया है।
ज्ञात हो कि सिमी के विचाराधीन कैदी जेल प्रहरी रमाशंकर यादव की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या करने के बाद जेल से फरार हुए थे और नौ घंटे बाद ही पुलिस ने उन्हें मुठभेड़ में मार गिराया था। –आईएएनएस
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