जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर Masood Azhar को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामजद कराने के भारत के प्रयासों को बुधवार, 13 मार्च, 2019 को चौथी बार धक्का लगा।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में चीन ने चौथी बार इस प्रस्ताव पर तकनीकी पकड़ बनाए रखी और प्रस्ताव पास नहीं होने दिया।
वैश्विक कूटनीति के जानकारों का कहना है कि इससे यह साबित होता है कि चीन ने सीमा पार आतंकवाद पर रोक लगाने के भारत के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों की अनदेखी की है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति के तहत पुलवामा मास्टरमाइंड Masood Azhar के खिलाफ मुकदमा चलाने के भारतीय प्रयासों के लिए यह एक बड़ा झटका है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हम इस परिणाम से निराश हैं। इसने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा जैश-ए-माहम्मद के एक अभियुक्त और सक्रिय आतंकवादी संगठन को प्रतिबंधित करने की कार्रवाई को रोका है, जिसने 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली थी।
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