जयपुर, 24 मई (जननसमा)। केन्द्रीय शहरी विकास, आवासन एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री ने कहा कि आज भारत ही नहीं पूरे विश्व में गांवों से शहरों की ओर लोगों का पलायन बढ़ रहा है। ऎसे में हमें शहरों का मास्टर प्लान इसे ध्यान में रखकर ही तैयार करना होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार देश के चुने हुए शहरों को स्मार्ट सिटी में विकसित कर रही है।
साथ ही नायडू ने कहा कि आर्किटेक्ट को किसी भी शहर की योजना बनाते समय वहां के हेरिटेज, स्थानीय संस्कृति एवं परम्पराओं को जरूर ध्यान में रखना चाहिए।
नायडू मंगलवार को जयपुर के बिड़ला सभागार में 19वीं आर्केशिया फोरम-2017 के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस फोरम की थीम ‘आर्किटेक्चर के माध्यम से खुशी‘ पूरी तरह चरितार्थ होती है क्योंकि संगीत, नृत्य और आर्किटेक्चर इन तीनों में वो खासियत है जो ‘हैप्पीनेस इण्डेक्स‘ को बढ़ा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि सबके लिए आवास योजना के तहत केन्द्र सरकार 2020 तक सभी जरूरतमंदों को छत उपलब्ध कराने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आर्केशिया फोरम के अलग-अलग सत्रों में विभिन्न देशों से आए आर्किटेक्ट अपने विचार रखेंगे, जो हमारे शहरों को सही प्लान के साथ विकसित करने में मददगार साबित होंगे।
उद्घाटन कार्यक्रम में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि मुझे खुशी है कि जयपुर जैसे हेरिटेज शहर में इस फोरम का आयोजन किया गया है। पुराना जयपुर शहर अपने आप में आर्किटेक्ट का एक बेहतरीन नमूना है। उन्होंने कहा कि आर्किटेक्चर विज्ञान के साथ कला का एक सम्मिश्रण है। आज जरूरत इस बात की है कि किसी भी शहर के विकास में आधुनिकता के साथ वहां के हेरिटेज का स्वरूप बरकरार रखा जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जयपुर, जोधपुर एवं उदयपुर जैसे शहरों की अपनी एक अलग पहचान है। ऎसे शहरों को विकसित करते समय आर्किटेक्ट इस बात को ध्यान में रखें कि इनकी यह पहचान कहीं गायब न हो जाए।
राजे ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के शहरों को क्लीन, ग्रीन और स्मार्ट बनाने की दिशा में काम कर रही है। जयपुर में ग्लोबल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना और एशिया के पहले सिस्को लाइट हाउस सिटी के रूप में इसका चुना जाना एक बड़ी उपलब्धि है।
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