नई दिल्ली, 20 मार्च | पाकिस्तान में कथिक रूप से लापता बताए गए दोनों भारतीय मौलवी सोमवार को दिल्ली लौट आए। उन्होंने पाकिस्तानी मीडिया में जारी उन खबरों का खंडन किया है, जिनमें कहा गया था कि उन्हें जासूसी के आरोप में वहां हिरासत में लिया गया था। दिल्ली की हजरत निजामुद्दीन दरगाह के मौलवी सैयद आसिफ अली निजामी (80) और उनके भतीजे नाजिम अली निजामी सोमवार सुबह दिल्ली हवाईअड्डे पर उतरे और अपने घर चले गए।
नाजिम अली निजामी ने कहा कि वह कराची में रहने वाले अपने एक रिश्तेदार से मिलने के लिए आठ मार्च को पाकिस्तान रवाना हुए थे।
नाजिम अली ने मीडिया को बताया, “हम कराची में रहने वाली मेरी 90 वर्षीय बुआ से मिलने गए थे। मेरे चाचा अपनी बहन से 26 सालों बाद मिले थे।”
नाजिम ने पाकिस्तान में हिरासत में लिए जाने की खबरों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने साथ ही भारत लौटने में मदद के लिए मोदी सरकार को धन्यवाद भी दिया।
उन्होंने कहा, “हमारे धर्म अलग-अलग होने के बावजूद हम सभी यहां शांति और सौहार्द के साथ रहते हैं। लेकिन, कुछ तत्व ऐसे हैं जिन्हें यह पसंद नहीं है।”
उन्होंने कहा, “(पाकिस्तानी) अखबार ‘उम्मत’ ने हमारे बारे में झूठी खबरें और फर्जी तस्वीरें प्रकाशित की थीं।”
नाजिम ने कहा कि उनके ऊपर ‘किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं था’।
निजामी के बेटे सैयद साजिद अली ने संवाददाताओं को समाचार पत्र में प्रकाशित वह रिपोर्ट भी दिखाई जिसमें कहा गया था कि मौलवियों का भारतीय खुफिया एजेंसी ‘रॉ’ से संबंध है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार को कहा था कि उन्होंने दोनों से बातचीत की है। वे सुरक्षित हैं तथा सोमवार को भारत पहुंचेंगे।
सुषमा ने इस मामले में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज से भी बात की थी।
दोनों मौलवी लाहौर के दाता दरबार की यात्रा पर गए थे। बुधवार 15 मार्च को वे कथित रूप से लापता हो गए थे।
बताया गया कि बाद में दोनों सिंध के एक दूरदराज के गांव में मिले थे, जहां बताया गया कि मोबाइल संपर्क नहीं है। –आईएएनएस
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