देश के चार राज्यों – पं.बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु औऱ केंद्र शासित प्रदेश पुद्दुचेरी समेत पूरे पूर्वी तट पर सुनामी की आपदा से बचाव का माॅक अभ्यास किया जाएगा। इसमें चार राज्यों और एक संघशासित प्रदेश में 31 तटीय जिलों और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों को शामिल किया गया है।
इसके लिए अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह के पास एक उच्च तीव्रता वाले भूकंप के कारण पैदा होने वाली सुनामी तरंगों के अनुरूप होगी जो पूर्वी तट पर एक बड़े सुनामी की तरह प्रतीत होगी।
सुनामी एक अत्यधिक विनाशकारी प्राकृतिक आपदा है और जब यह पैदा होती है तो प्रतिक्रिया समय सीमित होता है। इसके लिए दो घंटे के प्रतिक्रिया समय का निर्धारण किया गया है। इस दौरान सम्पूर्ण राज्य मशीनरी को तीव्रता तथा कुशलता के साथ मुकाबला करने के लिए संचालित किया जाएगा। कुछ चयनित स्थानों पर लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने से संबंधित अभ्यास किए जाएंगे।
इस अभ्यास का उद्देश्य तैयारी का मूल्यांकन करना और उसे बेहतर बनाना, प्रतिक्रिया मशीनरी और संबंधित एजेंसियों के आपसी समन्वय का मूल्यांकन करना है। भारत के पूर्वी तट पर बाढ़ और सुनामी का जोखिम रहता है। कई तटीय जिलों में बेहतर तैयारी के लिए मॉक अभ्यास आयोजित किए जा चुके हैं। हालांकि यह पहला अवसर है जब सम्पूर्ण पूर्वी तट एक साथ इस मॉक अभ्यास में भाग लेगा।
गृह मंत्रालय राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केन्द्र (आईएनसीओआईएस) के सहयोग से शुक्रवार को सुनामी तैयारी को लेकर एक बहु-राज्यीय मॉक अभ्यास का संचालन करेगा।
प्रशांत महासागर क्षेत्र के 11 द्वीप देश इस पूरे संचालन का अवलोकन करेंगे औऱ इसके अनुभवों को आपदा स्थिति से निपटने के लिए प्रयोग में लाएंगे।
यह कार्यक्रम 5 नवंबर को मनाए जाने वाले दूसरे विश्व सुनामी जागरूकता दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में से एक है। इसकी शुरूआत 8 नवंबर को आयोजित अनुकूलन सम्मेलन के साथ हुई, ताकि इस अभ्यास का संचालन सुचारू रूप से किया जा सके।
इसके पश्चात विभिन्न राज्य आपदा स्थिति संचालन केन्द्रों (एसईओसी) पर समन्वय सम्मेलन और बैठकें आयोजित की गई और इसमें सभी संबंधित जिलों ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए भाग लिया।
इसके माध्यम से सभी प्रतिभागी अपनी जिम्मेदारी व आवश्यक कार्रवाई से परिचित हो सकेंगे और कल होने वाले अभ्यास के दौरान सुनामी चेतावनी से संबंधित अपनी मानक संचालन प्रक्रिया का मूल्यांकन कर सकेंगे।
इन तैयारी बैठकों में सभी प्रमुख विभागों जैसे सेना, नौसेना, वायुसेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, स्वास्थ्य, पुलिस, शिक्षा, अग्निशमन, नागरिक रक्षा, परिवहन, बिजली, जनसंपर्क आदि के अधिकारियों ने भाग लिया।
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