गुरू घासीदास ने मनखे-मनखे एक समान का संदेश दिया है। यह संदेश आज के दुनिया में धर्म-सम्प्रदाय-जाति के नाम पर असमानता के भाव में जी रहे लोगों को असमानता को दूर कर एक साथ रहने के लिए प्रेरित करता है।
दुर्ग में सतनामी समाज द्वारा आयोजित गुरू घासीदास जयंती समारोह में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 24 दिसम्बर को कहा कि बाबा गुरू घासीदास के संदेश और उसके मार्ग में चलकर सतनामी समाज विकास की दिशा में अग्रसर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा गुरू घासीदास ने जो संदेेश दिया है वह एक व्यक्ति, एक समाज, एक प्रदेश व एक देश के लिए नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया के लिए हैं।
उन्होंने कहा कि बाबा गुरू घासीदास ने अपना संदेश बहुत ही सीधे और सरल तरीके से समाज को दिए हैं।
गुरू घासीदास ने कहा है कि सतनाम ही सार है, इसे प्रत्येक प्राणी के घट-घट में सत्य के प्रति तत्पर रहने को प्रेरित करता हैं। इ
गुरू घासीदास का संदेश सत्य ही मानव का आभूषण है, हमें सत्य मार्ग और सत्य गुणों को अपना कर सदैव जीवन में इसे आत्मसात करने को प्रेरित करता हैं।
बाबा जी का संदेश आपसी जाति-पाति, छूआछूट के भेद को दूर करने का संदेश देता है।
बाबा जी के संदेश से काम-क्रोध-लोभ-मोह-असत्य-हिंसा-अधर्म को त्याग कर सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश देता हैं।
बाबा जी ने स्त्री-पुरूष को एक समान बताया हैं। हमें स्त्री और पुरूष में भेंद नहीं करते हुए सबको समान अवसर देने का संदेश देता हैं।
बाबा जी ने अपने संदेश में बैलों को दोपहर में नहीं जोतने का संदेश दिया हैं। इस तरह से उन्होंने मुख पशुओं पर भी चिंता करते हुए उनका ख्याल रखने का संदेश दिया हैं।
बाबा ने ईश्वर की बहुत ही संक्षिप्त शब्द में व्याख्या करते हुए कहा है कि सत्य ही ईश्वर है, ईश्वर ही सत्य है।
मुख्यमंत्री ने सतनाम आश्रम और छात्रावास के लिए 10 लाख रूपए की दी स्वीकृति।
Follow @JansamacharNews