जबलपुर, 27 मई मई (जनसमा)। जीएसटी से ‘एक देश एक टेक्स’ का संदेश मिलता है। जीएसटी, पूर्व कर-व्यवस्था की तुलना में सरल, कुशल व पारदर्शी है। जीएसटी में एक नेटवर्क पर पूरा सिस्ट्म संचालित होगा और इसमें केन्द्र व राज्य एक नेटवर्क में शामिल रहेंगे। जीएसटी में तकनीकी व पारदर्शिता का उपयोग किया जाएगा।
यह बात कमिश्नर सेंट्रल एक्साइज एवं सर्विस टेक्स प्रमोद अग्रवाल ने मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के तत्वावधान में शुक्रवार को जबलपुर में विद्युत कंपनियों पर गुड्स एवं सर्विस टेक्स (जीएसटी) के प्रभाव पर केन्द्रित सेमीनार ‘मंथन’ में कही।
सेमीनार में एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक संजय कुमार शुक्ल, कमिश्नर सेंट्रल एक्साइज एवं सर्विस टेक्स प्रमोद अग्रवाल, कंपनी के प्रबंध संचालक ए. पी. भैरवे उपस्थित थे।
श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, तिरुपति में 104 वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस के अवसर पर जीएसटी बेलून की उच्च उड़ान। फाइल फोटो साभार सीबीईसी़.जीओवी.इन
सेमीनार में पॉवर मैनेजमेंट कंपनी, पॉवर जनरेटिंग कंपनी, पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी, पूर्व, मध्य व पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के लगभग 300 अभियंता एवं एकाउंट व फायनेंस निकाय के अधिकारियों ने भाग लिया।
संजय कुमार शुक्ल ने कहा कि हवा व पानी के पश्चात् बिजली वर्तमान में महत्वपूर्ण आवश्यकता बन गया है। इस मुद्दे को ध्यान में रख कर गुड्स एवं सर्विस टेक्स (जीएसटी) के संबंध में बिजली कंपनियों के अभियंताओं व एकाउंट-फायनेंस के अधिकारियों को जानकारी प्राप्त करना जरूरी हो जाता है। जीएसटी के लागू होने के पश्चात् बिजली परियोजनाओं की लागत व बिजली दरों पर पड़ने वाले प्रभाव के संबंध में जानकारी प्राप्त करना और उसके लिए अभी से तैयारियाँ करना आवश्यक है।
शुक्ल ने कहा कि बिजली ट्रांसमिशन एवं डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर के कार्यों में मटेरियल कॉस्ट 60 से 70 प्रतिशत तक रहती है, इसलिए जीएसटी के लागू होने के पश्चात् मटेरियल कॉस्ट भी किसी न किसी रूप में प्रभावित होगी।
कमर्शियल टेक्स विभाग के डिप्टी कमिश्नर नारायण मिश्रा ने बताया कि जीएसटी में वस्तुओं व सेवाओं पर टेक्स लगेगा। वर्तमान में बिजली को जीएसटी से बाहर रखा गया है।
Follow @JansamacharNews