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सुपर मून का शानदार नजारा देखा लाखों लोगों ने

साल का पहला चंद्रग्रहण देश विदेश में एक यादगार खगोलीय घटना के रूप में देखा गया। लाखों लोगों ने  एक साथ हुईं- ब्‍लडमून, सुपरमून, और ब्‍लूमून का शानदार नजारा देखा।

अंतरिक्ष प्रेमियों ने 31 दिसंबर,2018 को एक दुर्लभ खगोलीय घटना ‘सुपर ब्लू मून’से साक्षात्कार किया। इस दुर्लभ घटना को “ब्लड मून” भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है ग्रहण के दौरान चंद्रमा की रक्त जैसी आभा वाली लाल चमक। ऐसा तब होता है जब पूर्ण चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट आजाता है और सामान्य से बड़ा और तेज रोशनी वाला दिखाई देता है।

चंद्र ग्रहण देश के अलग अलग भागों में अलग अलग समय पर दिखाई दिया। राजधानी दिल्ली में ग्रहण की शुरूआत शाम 05:57 बजे हुई वहीं देश में सबसे पहले गुवाहाटी में शाम 5:01 बजे शुरू हुआ। मुबंई में शाम 6:29 और पटना में शाम 5:28 को ग्रहण शुरू हुआ।

वंबसाइट टाइमएण्डडेट के अनुसार आज पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी 3 लाख 60 हजार तीन सौ 18 किलोमीटर थी। 31 जनवरी
को चंद्रमा दिल्ली में शाम 5 बजकर 53 मिनिट पर पूर्व-उत्तर पूर्व में उदय हुआ था।

खबरों में कहा गया है कि चन्द्रमा के शानदार दृश्य का सबसे अच्छा नजारा प्रशांत महासागर, पूर्वी एशिया, पश्चिमी उत्तरी अमेरिका से दिखाई दिया।

चंद्र ग्रहण के दौरान पृथ्वी, सूरज और चंद्रमा के बीच में आजाती है और पृथ्वी की छाया चाँद पर पड़ती है। पूर्णिमा के दिन समंदर में ज्वार बहुत तेजी से उभरता है। ऐसा गहरी और बड़ी नदियों के पानी में भी होता है। खबर लिखे जाने तक देश के समुद्र तटीय इलाकों से भीषण ज्वार की शिकायत नहीं मिली।

ग्रहण से पहले बी.एम. बिड़ला विज्ञान केंद्र के निदेशक बीजी सिद्धार्थ ने कहा  था कि चंद्रग्रहण भारत से दिखाई देगा, जिसमें चंद्रमा लाल-भूरे रंग की चमक वाला होगा, जिसे “रक्त चंद्रमा” भी कहा जाता है। यह घटना ब्लू मून और सुपर मून भी कही जाती है।

152 साल बाद हुई इस खगोलीय घटना को सुपर ब्लू ब्लड मून (Super Blue Blood Moon) के नाम से भी जाना जाता है।