नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (जस)। केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामले मंत्री अरुण जेटली और केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने सोमवार को यहां दालों की नई किस्म ‘पूसा अरहर-16’ के खेत का मुआयना किया। राधा मोहन सिंह ने इस नई किस्म के बारे में अरुण जेटली को विस्तृत जानकारी दी। केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामले मंत्री अरुण जेटली ने ‘पूसा अरहर-16’ को विकसित करने के लिए आईसीएआर के वैज्ञानिकों को बधाई दी और उम्मीद जताई कि देश जल्द ही दालों के मामले में आत्मनिर्भर बन जाएगा।
इस अवसर पर राधा मोहन सिंह ने कहा कि ‘पूसा अरहर-16’ काफी पहले पक जाने वाली, परिमित, कम ऊंचाई एवं उच्च पैदावार वाली किस्म है और यह किसानों को अगले खरीफ सीजन से उपलब्ध करा दी जाएगी। सिंह ने यह भी जानकारी दी कि जहां एक ओर परम्परागत किस्मों को पकने में 170 दिन लग जाते हैं, वहीं दूसरी ओर यह नई किस्म सिर्फ 120 दिनों में ही पक जाती है।
अरुण जेटली और राधा मोहन सिंह ने बाद में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती (एकता दिवस) पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और विशेषकर राष्ट्र के एकीकरण में उनके बहुमूल्य योगदान को स्मरण किया।
इस अवसर पर कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग में सचिव शोभना के. पटनायक और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन मोहापात्रा के अलावा आईएआरआई की निदेशक डॉ. रविन्दर कौर भी मौजूद थीं।
उल्लेखनीय है कि आईसीएआर-आईएआरआई, नई दिल्ली ने जल्दी पकने वाली, कम ऊंचाई वाली परिमित, अधिक उपज देने वाली नई पादप प्रकार की आनुवंशिक सामग्री अर्थात पूसा अरहर-16 विकसित की है, जो अर्द्ध रूप से सीधा खड़ा होने वाला मजबूत किस्म का पौधा है। अगर इसकी बुआई 30 सेमी की दूरी रखकर और एक पौधे से दूसरे पौधे के मध्य 10 सेमी का अंतर रख कर की जाए तो एक हेक्टेयर भूमि में इस किस्म की अरहर के 3,30,000 पौधों की सघन आबादी हो सकती है।
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