सर्वसम्मति से एनडीए के नेता चुने जाने के बाद नवनिर्वाचित सदस्यों Newly elected members को संबोधित करते हुए कार्यवाहक प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की एक सलाह का जिक्र करते हुए कहा कि हमें ‘छपास’ और ‘दिखास’ इन दो रोगों को पालने से बचना चाहिए।
संसद के सेंट्रल हॉल में नवनिर्वाचित सदस्यों Newly elected members को संबोधित करते हुए नरेन्द्र मोदी ने कहा, लोगों ने एनडीए को उसके काम के कारण स्वीकार किया है।
उन्होंने कहा, राष्ट्र कड़ी मेहनत और ईमानदारी का पुरस्कार देता है और यह इस देश की ताकत है।
मोदी ने कहा कि वीआईपी कल्चर से देश को नफरत है, एयरपोर्ट पर चेकिंग होती है तो हमें बुरा नहीं लगना चाहिए, लालबत्ती को हटाने में कोई पैसा नहीं लगा लेकिन इसे हटाने से देश में अच्छा मैसेज गया।
मोदी ने कहा, बड़े पैमाने पर जनादेश जिम्मेदारी बढ़ाता है और एनडीए आज से एक नई यात्रा शुरू कर रहा है।
उन्होंने नवनिर्वाचित सदस्यों Newly elected members से यह भी कहा, एनडीए में एनर्जी और तालमेल दो मुख्य विशेषताएं हैं और पार्टियों को कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा।
एनडीए के नेता ने कहा कि जनप्रतिनिधि का यह दायित्व होता है कि जनता के लिए कोई भेदरेखा नहीं हो सकती । जो हमारे साथ थे, हम उनके लिए भी हैं और जो भविष्य में हमारे साथ चलने वाले हैं, हम उनके लिए भी हैं।
मोदी ने प्रसन्नता व्यक्त की कि स्वतंत्र भारत में पहली बार संसद में इतनी बड़ी संख्या में महिला सांसद बैठी हैं और यह नारी शक्ति के कारण संभव हुआ है।
नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में नवनिर्वाचित सदस्यों Newly elected members से यह भी कहा कि गरीबों के साथ जैसा छल हुआ, वैसा ही छल देश की माइनॉरिटी के साथ हुआ है। अच्छा होता कि माइनॉरिटी की शिक्षा, स्वास्थ्य की चिंता की जाती।
कार्यवाहक प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि 2019 में आपसे अपेक्षा करने आया हूं कि हमें इस छल को भी छेदना है और सबके विश्वास जीतना है।
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