प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन साहसी बच्चों,युवाओं और बुजुर्गों को बधाई दी है जिन्होंने हाल के दिनों में एवरेस्ट पर भारतीय ध्वज तिरंगा फहराया और देश का गौरव बढ़या।
‘मन की बात’ कार्य्रकम की 44 वीं कड़ी में 27 मई, रविवार को मोदी ने कहा ‘‘16 मई को महाराष्ट्र के चंद्रपुर के एक आश्रम-स्कूल के 5 आदिवासी छात्रों – मनीषा धुर्वे, प्रमेश आले, उमाकान्त मडवी, कविदास कातमोड़े, विकास सोयाम – इन हमारे आदिवासी बच्चों के एक दल ने दुनिया की सबसे ऊँची चोटी पर चढ़ाई की।
आश्रम-स्कूल के इन छात्रों ने अगस्त 2017 में training शुरू की थी। वर्धा, हैदराबाद, दार्जिलिंग, लेह, लद्दाख – इनकी training हुई। इन युवाओं को ‘मिशन शौर्य’ के तहत चुना गया था और नाम के ही अनुरूप एवरेस्ट फतह कर उन्होंने पूरे देश को गौरवान्वित किया है। मैं चंद्रपुर के स्कूल के लोगों को, इन मेरे नन्हे-मुन्हे साथियों को, ह्रदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। ”
उन्होंने कहा ‘‘हाल ही में 16 वर्षीय शिवांगी पाठक, नेपाल की ओर से एवरेस्ट फ़तह करने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय महिला बनी। बेटी शिवांगी को बहुत-बहुत बधाई।”
मोदी ने कहा “अजीत बजाज और उनकी बेटी दीया एवरेस्ट की चढ़ाई करने वाली पहली भारतीय पिता-पुत्री की जोड़ी बन गयी। ”
उन्होंने कहा “ऐसा ही नहीं कि केवल युवा ही एवरेस्ट की चढ़ाई कर रहे हैं। संगीता बहल ने 19 मई को एवरेस्ट की चढ़ाई की और संगीता बहल की आयु 50 से भी अधिक है। एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाले कुछ ऐसे भी हैं, जिन्होंने दिखाया कि उनके पास न केवल skill है बल्कि वे sensitive भी हैं।
अभी पिछले दिनों ‘स्वच्छ गंगा अभियान’ के तहत BSF के एक group ने एवरेस्ट की चढ़ाई की, पर पूरी team एवरेस्ट से ढ़ेर सारा कूड़ा अपने साथ नीचे उतार कर लायी। यह कार्य प्रशंसनीय तो है ही, साथ-ही-साथ यह स्वच्छता के प्रति, पर्यावरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।”
मोदी ने कहा “वर्षों से लोग एवरेस्ट की चढ़ाई करते रहे हैं और ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने सफलतापूर्वक इसे पूरा किया है। मैं इन सभी साहसी वीरों को, ख़ासकर के बेटियों को ह्रदय से बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।”
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