प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 19 जनवरी, 2019 को मुंबई में भारतीय सिनेमा के राष्ट्रीय संग्रहालय ‘नेशनल म्यूजियम ऑफ इंडियन सिनेमा’ (एनएमआईसी) का उद्घाटन करेंगे।
यह शानदार संग्रहालय 140.61 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हुआ है।
संग्रहालय में विजुअल, ग्राफिक्स, शिल्प और मल्टीमीडिया प्रस्तुतिकरण के जरिए लोगों को किस्से – कहानी के रूप में सिनेमा के एक सदी से अधिक पुराने इतिहास की जानकारी दी जाएगी।
यह संग्रहालय श्याम बेनेगल की अध्यक्षता में संग्रहालय सलाहकार समिति के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है।
प्रसून जोशी की अध्यक्षता में गठित समिति ने एनएमआईसी को उन्नत बनाने में सहयोग किया।
यह संग्रहालय दो इमारतों – ‘नवीन संग्रहालय भवन’ और 19वीं शताब्दी के ऐतिहासिक महल ‘गुलशन महल’ में स्थित है। दोनों इमारतें मुंबई में फिल्म प्रभाग परिसर में हैं।
नवीन संग्रहालय भवन में चार प्रदर्शनी हॉल मौजूद हैं, जिनका ब्यौरा इस प्रकार है –
- गांधी और सिनेमा : यहां महात्मा गांधी की जीवन पर बनी फिल्में मौजूद हैं। इसके साथ सिनेमा पर उनके जीवन के गहरे प्रभाव को भी दिखाया गया है।
- बाल फिल्म स्टूडियो : यहां आगुंतकों, खासकर बच्चों को फिल्म निर्माण के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और कला को जानने का मौका मिलेगा। इस हॉल में कैमरा, लाइट, शूटिंग और अभिनय से जुड़ी जानकारियां उपलब्ध होंगी।
- प्रौद्योगिकी, रचनात्मकता और भारतीय सिनेमा : यहां भारतीय फिल्मकारों द्वारा प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की जानकारी मिलेगी। रजत पटल पर फिल्मकारों के सिनेमाई प्रभाव को भी पेश किया गया है।
- भारतीय सिनेमा : यहां देशभर की सिनेमा संस्कृति को दर्शाया गया है।
- गुलशन महल एएसआई ग्रेड – II धरोहर संरचना है। इसे एनएमआईसी परियोजना के हिस्से के रूप में दुरुस्त किया गया है। यहां पर भारतीय सिनेमा के 100 वर्ष से अधिक की यात्रा दर्शाई गई है। इसे 9 वर्गों में विभाजित किया गया है, जिनमें सिनेमा की उत्पत्ति, भारत में सिनेमा का आगमन, भारतीय मूक फिल्म, ध्वनि की शुरूआत, स्टूडियो युग, द्वितीय विश्व युद्ध का प्रभाव, रचनात्मक जीवंतता, न्यू वेव और उसके उपरांत तथा क्षेत्रीय सिनेमा शामिल हैं।