अहमदाबाद, 29 अगस्त | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में महत्वाकांक्षी पेजयल व सिंचाई परियोजना का मंगलवार को उद्घाटन करेंगे, जिसका उद्देश्य पानी की समस्या से जूझ रहे सौराष्ट्र क्षेत्र को इस समस्या से निजात दिलाना है। गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने मई 2012 में 12 हजार करोड़ रुपये की इस परियोजना की पहल की थी, जिसके तहत क्षेत्र के 115 बांधों में सरदार सरोवर बांध के अतिरिक्त जल को पहुंचाना और इसे पाइपलाइन द्वारा पीने व सिंचाई के लिए मुहैया कराना था।
सरकार के अधिकारी संक्षिप्त रूप में इसे साउनी कहते हैं, जो गुजराती में सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण इरिगेशन योजना का संक्षिप्त रूप है। साउनी का मतलब ‘सबके लिए’ होता है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री विजय रूपानी के मुताबिक, “परियोजना का पहला चरण पूर्ण हो चुका है, जिसका प्रधानमंत्री उद्घाटन करेंगे। पहले चरण के तहत लगभग 10 बांध पानी से भरे जाएंगे।”
उन्होंने कहा, “हमारी योजना सौराष्ट्र क्षेत्र में 115 बांधों को भरने की है। चार अन्य चरण साल 2019 से पहले पूरा होने की उम्मीद है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना से चार लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई होगी और प्रदेश की जल समस्या का एक हद तक समाधान हो जाएगा।
मॉनसून के मौसम में सरदार सरोवर बांध से औसतन तीन एमएएफ (मिलियन एकड़ फुट) पानी बहकर समुद्र में चला जाता है।
सरकार की योजना मौजूदा नहर प्रणाली का इस्तेमाल कर एक एमएएफ पानी को सौराष्ट्र के बांधों में पहुंचाने की है, जिसके बाद सरदार सरोवर बांध के 300-500 किलोमीटर दायरे में स्थित बांधों में पाइपलाइन के जरिए पानी पहुंचाने की योजना है।
सौराष्ट्र सूखाग्रस्त क्षेत्र है।
गुजरात कांग्रेस के नेता शक्ति सिंह गोहिल ने आईएएनएस से कहा कि लोगों को गुमराह करने के लिए साउनी योजना नरेंद्र मोदी की एक और नौटंकी है।
गोहिल ने कहा, “सौराष्ट्र के बांधों को भरने के लिए इसकी घोषणा साल 2006 में की गई थी।”
–आईएएनएस
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