प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को ‘आर्थिक नीति भविष्य की संभावनाएं’ विषय पर नीति आयोग द्वारा आयोजित अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के विचार विमर्श सत्र में शामिल हुए। इस सत्र में 40 से अधिक अर्थशास्त्री और अन्य विशेषज्ञ उपस्थित थे।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी राष्ट्रीय आय के नवीनतम अनुमानों की पृष्ठभूमि में यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जारही है। सरकारी आंकड़ों में कहा गया है कि इस वित्त वर्ष में भारत का विकास चार साल के निम्नतम 6.5 फीसदी के नीचे रहने की संभावना है, जो मोदी की अगुवाई वाली सरकार के दौरान सबसे कम है।
नीति आयोग उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने जानकारी दी कि मोदी ने विशेषज्ञों और सचिवों से बातचीत की, जिन्होंने माइक्रो-इकनॉमी, कृषि और ग्रामीण विकास, रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा, विनिर्माण और निर्यात, शहरी विकास, बुनियादी ढांचा और विभिन्न आर्थिक विषयों पर अपने विचार साझा किए। इनमें कनेक्टिविटी भी शामिल है।
नीति आयोग के बैठक की फाइल फोटो
सत्र के दौरान प्रतिनिधियों ने वृहद अर्थशास्त्र, कृषि, ग्रामीण विकास, रोजगार, स्वास्थ्य व व शिक्षा, विनिर्माण और निर्यात, शहरी विकास, अवसंरचना और कनेक्टिविटी जैसे आर्थिक विषयों पर अपने विचार साझा किये।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने प्रतिनिधियों को उनके सुझावों के लिए धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री ने विभिन्न प्रतिनिधियों को अर्थव्यवस्था के विभिन्न आयामों पर दिये गये उनके सुझावों के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने विशेषज्ञों के उच्च स्तरीय सुझावों की प्रशंसा की।
इस बैठक में अनेक केन्द्रीय मंत्रियों ने हिस्सा लिया। नीति आयोग के उपाध्यक्ष, केन्द्र सरकार तथा नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे।
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