प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि हमने कर दिखाया है, हमारी गिनती अब भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में की जाती है।
मोदी ने कहा कि हमने ऐसे व्यापक ढांचागत सुधार भी लागू किये हैं, जिनसे हमारी अर्थव्यवस्था और राष्ट्र को नई मजबूती प्राप्त हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसा कि प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों जैसे कि विश्व बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ-साथ कई जानी-मानी एजेंसियों जैसे कि मूडीज ने भी भारत की आर्थिक यात्रा में अपना विश्वास व्यक्त किया है।
गांधीनगर में शुक्रवार 18 जनवरी, 2019 को वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि विश्व बैंक की कारोबारी सुगमता की सूची में भारत ने 65 पायदान की छलांग लगाई है।
“हमने उन बाधाओं को हटाने पर फोकस किया है कि जो हमें अपनी पूरी क्षमता को हासिल करने से रोक रही थीं।” मोदी ने कहा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में कारोबार का माहौल अब जैसा हो गया है, वैसा पहले कभी नहीं था। हमनें कारोबार करना आसान कर दिया है।
नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान हमने विश्व बैंक के ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में 65 पायदानों की ऊंची छलांग लगाई है।
उन्होंने कहा कि इस सूचकांक में भारत वर्ष 2014 के 142वें पायदान से काफी ऊपर चढ़कर अब 77वें पायदान पर पहुंच गया है, लेकिन हम अब भी संतुष्ट नहीं हैं।
“मैंने अपनी टीम से और भी कड़ी मेहनत करने को कहा है, ताकि भारत अगले वर्ष इस लिहाज से शीर्ष 50 देशों में शुमार हो जाए। मैं चाहता हूं कि हमारे नियमनों और प्रक्रियाओं की तुलना विश्व में सर्वोत्तम माने जाने वाले नियमनों और प्रक्रियाओं से हो। हमने कारोबार करना किफायती भी कर दिया है।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन के कुछ खास बिन्दु :
- हमारी अर्थव्यवस्था अब विकास के तेज पथ पर अग्रसर हो गई है। हमने 263 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल किया है। यह पिछले 18 वर्षों में हासिल एफडीआई का 45 प्रतिशत है।
- हमारी गिनती अब स्टार्ट-अप्स के लिए दुनिया के सबसे बड़े परितंत्रों में होती है और इनमें से कई ने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कदम रखा है।
- हमने डिजिटल प्रक्रियाओं, ऑनलाइन लेन-देन और एकल बिन्दु पर परस्पर संवाद के जरिये कारोबार करने में काफी तेजी भी ला दी है।
- वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने और सरलीकरण के अन्य उपायों के साथ-साथ करों के समेकन से लेन-देन (ट्रांजैक्शन) लागत घट गई है।
- हमारी गिनती अंकटाड द्वारा सूचीबद्ध शीर्ष 10 एफडीआई गंतव्यों में होती है।
- अब हमें भी सबसे तेज ट्रेडमार्क व्यवस्थाओं में शुमार किया जाता है।
- दिवाला एवं दिवालियापन संहिता की बदौलत कारोबारियों को अब लंबी जटिल एवं वित्तीय लड़ाइयां लड़े बगैर ही अपने व्यवसाय से बाहर निकलने का मार्ग मिल गया है।
- सड़क निर्माण में हमारी गति लगभग दोगुनी हो गई है। हमने प्रमुख बंदरगाहों में अभूतपूर्व क्षमता वृद्धि की है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क कनेक्टिविटी अब 90 प्रतिशत हो गई है।
- नई रेल लाइनें बिछाने,आमान परिवर्तन और रेल पटरियों का दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण दोगुना हो गया है।
- जीडीपी वृद्धि दर औसतन 7.3 प्रतिशत आंकी गई है, जो वर्ष 1991 के बाद किसी भी भारतीय सरकार की सर्वाधिक आर्थिक विकास दर है।
- मंहगाई दर 4.6 प्रतिशत आंकी गई है जो वर्ष 1991, जब भारत ने उदारीकरण प्रक्रिया शुरू की थी, के बाद किसी भी भारतीय सरकार के कार्यकाल के दौरान न्यूनतम है।
- देश में प्रत्येक परिवार का एक बैंक खाता है।
- छोटे उद्यमों को बिना किसी जमानत या गारंटी के ऋण दे रहे हैं।
- देश के प्रत्येक गांव में बिजली पहुंच चुकी है। अब हमारे देश के लगभग सभी घरों में भी बिजली पहुंच चुकी है।
- बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को रसोई गैस मुहैया कराई है, जो अब तक इसे वहन करने में सक्षम नहीं थे।
- शहरी तथा ग्रामीण यानी सभी क्षेत्रों में समुचित स्वच्छता सुनिश्चित की है।
- घरों में शौचालयों की पूर्ण कवरेज और उनके समुचित उपयोग की दिशा में काम कर रहे हैं।
- ‘आयुष्मान भारत’ नामक हमारी चिकित्सा आश्वासन योजना है। इससे लगभग 50 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे जो अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको की संयुक्त आबादी से भी अधिक है।
- भारत में 50 शहर मेट्रो रेल प्रणालियों का निर्माण करने के लिए तैयार हैं।
- 50 मिलियन मकानों का निर्माण करना है।