टोक्यो, 11 नवंबर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जापानी निवेशकों को लुभाने की कोशिश करते हुए कहा कि स्थिर, पूर्वानुमेय तथा पारदर्शी नियम भारत में व्यवसाय की प्रकृति को पुन: परिभाषित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत में निर्मित और जापान द्वारा निर्मित का गठजोड़ बुनियादी ढांचे के निर्माण के संदर्भ में काम कर सकता है।
मोदी ने कहा, “दूसरी पीढ़ी की अत्याधुनिक बुनियादी परियोजनाएं हैं। इनमें डेडिकेटेड फ्राइट कॉरिडोर, इंडस्ट्रियल कॉरीडोर, हाईस्पीड रेलवे, स्मार्ट सिटी, कोस्टल जोन्स और मेट्रो रेल परियोजनाएं शामिल हैं। ये सभी अवसर जापानी उद्योग के लिए अभूतपूर्व हैं।”
वह यहां भारतीय उद्योग संघ (सीआईआई) तथा जापानीज बिजनेस फेडरेशन, किदानरेन की ओर से आयोजित दोपहर के एक भोज को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, “भारत में निर्मित और जापान द्वारा निर्मित गठजोड़ ने पहले ही काम करना शुरू कर दिया है।”
जापान, भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का चौथा सबसे बड़ा स्रोत है।
मोदी ने कहा कि व्यवसाय के लिए माहौल बनाना और निवेश आकर्षित करना भारत की शीर्ष प्राथमिकता है। ई-गवर्नेस और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित नया कानून इसी दिशा में है, जिसका उद्देश्य व्यवसाय करने को सरल व आसान बनाना है। –आईएएनएस
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