नई दिल्ली, 15 अगस्त | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बलूचिस्तान, गिलगित तथा ’पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर’ (पीओके) की ‘आजादी’ का खुले तौर पर समर्थन किया और भारत में सामाजिक समरसता की जरूरत पर बल दिया। आजादी की 70वीं वर्षगांठ पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को 90 मिनट के संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के आम नागरिकों को सशक्त करने की अपनी सरकार के उद्देश्य पर जोर दिया।
पहली बार भारत के किसी प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त के भाषण में पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान व पीओके में किए जा रहे मानवाधिकार के उल्लंघनों पर जिक्र किया है।
मोदी ने कहा, “दुनिया देख रही है। पिछले कुछ दिनों में बलूचिस्तान व पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर के लोगों ने मेरा आभार जताया है।” उन्होंने कहा, “मैं उनका शुक्रगुजार हूं।”
उन्होंने कहा कि जिस तरीके से पाकिस्तानी क्षेत्र के लोगों ने मेरा आभार प्रकट किया है, उससे मुझे बेहद खुशी हुई है।
उल्लेखनीय है कि मोदी ने पिछले सप्ताह कश्मीर को लेकर एक सर्वदलीय बैठक में कहा था कि पाकिस्तान को दुनिया को यह जवाब देने का समय आ गया है कि वह पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर व बलूचिस्तान के लोगों पर क्यों अत्याचार कर रहा है।
मोदी ने आतंकवाद के समर्थन के लिए पाकिस्तान को सोमवार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पाकिस्तान के पेशावर में जब स्कूल पर आतंकवादी हमला हुआ था, तब भारतीयों ने बेहद दुख जताया था, लेकिन पाकिस्तान उसकी उलटी प्रतिक्रिया दे रहा है।
उन्होंने कहा, “यह भारत का स्वभाव है। लेकिन दूसरी ओर उन्हें देखिए, जो आतंकवाद का महिमामंडन करने में लगे हैं। ये किस तरह के लोग हैं, जो आतंकवाद का महिमामंडन करते हैं? ये किस तरह के लोग हैं, जो लोगों के मारे जाने पर खुशियां मनाते हैं?”
कश्मीर घाटी में जारी हिंसा के बीच लाल किले की प्राचीर से मोदी ने अपना तीसरा भाषण दिया। पांच सप्ताह से जारी हिंसा में अबतक 56 लोग मारे जा चुके हैं।
देश के मध्य व पूर्वी हिस्से में नक्सलवाद, पूर्वोत्तर हिस्से में उग्रवाद तथा जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “हमारे देश में हिंसा की कोई जगह नहीं है। जंगली इलाकों में नक्सलवाद व उग्रवाद तथा जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद के नाम पर हिंसा की जा रही है।”
उन्होंने कहा, “जो लोग निर्दोष लोगों की हत्या कर रहे हैं, मैं उनसे कहना चाहता हूं कि यह देश आतंकवाद, नक्सलवाद को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। मुख्यधारा में लौट जाइए। नक्सलवाद व आतंकवाद के रास्ते से किसी का भला होने वाला नहीं।”
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य भारत के अंतिम व्यक्ति तक आर्थिक विकास का लाभ पहुंचाना है।
उन्होंने उल्लेख किया कि किस प्रकार कुछ समस्याओं से भारत की प्रगति में बाधा पहुंची। उन्होंने लोगों से ऐसी समस्याओं से मुकाबला करने तथा देश के संपूर्ण विकास के लिए सामाजिक समरसता को मजबूत करने की अपील की।
मोदी ने कहा, “जाति व वर्ग के आधार पर समाज की बुराइयों के खिलाफ हर नागरिक को मुकाबला करना चाहिए। केवल आर्थिक विकास से विकास में मदद नहीं मिलेगी, क्योंकि सामाजिक समरसता व एकता के बिना विकास पूरा नहीं होगा।”
उन्होंने कहा, “हमें दलितों, जनजातियों, दबे-कुचले व वित्तीय रूप से कमजोर लोगों को साथ लेकर चलना है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में कई समस्याएं हैं, लेकिन इसके समाधान के लिए हमारे पास 1.25 अरब लोग भी है।
उन्होंने कहा कि वह शासन में पारदर्शिता को बढ़ावा दे रहे हैं और सामान्य नागरिक के जीवन को आसान बनाने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के कई उपायों का जिक्र किया।
आर्थिक मोर्चे पर मोदी ने कहा कि प्रमुख वैश्विक रेटिंग एजेंसियों ने भारत को दुनिया के सबसे बेहतरीन निवेश स्थल में से एक के रूप में रेटिंग दी है। प्रासंगिक रहने तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था का नेतृत्व करने के लिए यह भारत के लिए जरूरी है।
मोदी ने देश भर में लागू होने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का जिक्र किया और कहा कि इससे अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
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