काठमांडू, 18 अक्टूबर | भारत में ब्रिक्स से संबंध बनाने वाले बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद वापस नेपाल पहुंचे प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने कहा कि उनकी पड़ोसी देशों के नेताओं के साथ बैठक दुर्लभ और सुखद रही। ‘काठमांडू पोस्ट’ की मंगलवार की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रचंड का इशारा शनिवार देर शाम भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ हुई उनकी मुलाकात से था।
प्रचंड की मोदी और शी के साथ बैठक की एक तस्वीर फेसबुक पर आने के बाद, पूरे काठमांडू में अटकलें तेज हो चली थीं। त्रिभुवन इंटरनेशनल हवाईअड्डे पर पहुंचने पर, प्रचंड ने संवाददाताओं से कहा कि यह बैठक उनके लिए ‘आश्चर्यजनक’ रही।
बैठक को महज एक संयोग कहते हुए उन्होंने कहा, “हालांकि, फिर भी यह मेरे लिए एक गर्व की बात थी।”
प्रचंड ने चीन के राष्ट्रपति से पहले मुलाकात की थी। इसके बाद उनकी संयुक्त बैठक शी और मोदी के साथ हुई।
प्रचंड ने कहा, “मैं होटल के वेटिंग लाउंज में था जहां चीनी राष्ट्रपति आ गए। यह मेरे लिए ऐसे ही था कि पत्थर की प्रतिमा खोज रहा था और भगवान मिल गए। करीब 20 मिनट बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वहां आ गए। वह कुछ तकनीकी वजहों से वहां होटल में रह गए थे। ”
प्रचंड को बैठक के दौरान तीनों नेताओं के बैठने की जगह भी अद्भुत और नेपाल के भूगोल के हिसाब से लगी। उन्होंने कहा, “मैं बीच में था। शी उत्तर की तरफ और मोदी दक्षिण में बैठे थे।”
नेपाल के प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक ‘दुर्लभ और सुखद’ संयोग था।
प्रचंड ने कहा, “मैंने त्रिपक्षीय रणनीतिक सहयोग का विचार रखा। दोनों नेताओं ने इस प्रस्ताव को सकारात्मक बताया।”
उन्होंने कहा, “यह एक सकारात्मक पहलू है और इसे हमें अच्छे परिप्रेक्ष्य में लेना चाहिए। यह बैठक पहले से निर्धारित नहीं थी। ”
प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं समझता हूं कि गोवा में दो दिवसीय प्रवास फलदायक रहा।” –आईएएनएस
Follow @JansamacharNews