Monsoon

केरल में मॉनसून 4 दिन विलंब से यानी 5 जून से आने का अनुमान

भारत मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि इस वर्ष केरल (Kerala) में मॉनसून (Monsoon) 4 दिन विलंब से यानी 5 जून से आने का अनुमान है।

भारत की मुख्य भूमि के ऊपर दक्षिण पश्चिम मॉनसून (Monsoon) का आगे बढ़ना केरल के ऊपर मॉनसून के आरंभ से चिह्नित होता है।

यह एक गर्म और शुष्क मौसम से के वर्षा ऋतु में परिवर्तित होने का एक महत्वपूर्ण संकेत है।

जैसे -जैसे मॉनसून (Monsoon) उत्तर दिशा में आगे की ओर बढ़ता है, इन क्षेत्रों को चिलचिलाती गर्मी के तापमान से राहत मिलने लगती है।

केरल के ऊपर 1 जून को दक्षिण-पश्चिम मॉनसून (Monsoon) का आरंभ होता है जिसमें ट्राजीशन लगभग 7 दिनों का होता है।

इमेज साभार : भारतीय मौसम विभाग

पिछले 15 वर्षों (2005-2019) के दौरान केरल के ऊपर मॉनसून (Monsoon) के आरंभ होने की तिथि का आईएमडी का प्रचालनगत पूर्वानुमान  2015 को छोड़कर सही साबित होता रहा है।

पिछले पांच वर्षों (2015-2019) के लिए पूर्वानुमान सत्यापन नीचे की सारिणी में दिया गया है :

वर्ष वास्तविक मॉनसून (Monsoon)आरंभ तिथि पूर्वानुमान

मॉनसून (Monsoon) आरंभ तिथि
2015 5 जून 30 मई
2016 8 जून 7 जून
2017 30 मई 30 मई
2018 29 मई 29 मई
2019 8 जून 6 जून

 पूर्वानुमान 2020  दक्षिणपश्चिम मॉनसून

भारतीय मॉनसून क्षेत्र में आरंभिक मॉनसून (Monsoon) वर्षा(Rain)  दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर होती है तथा इसके बाद मॉनसून की हवाएँ पूरे बंगाल की खाड़ी में उत्तर पश्चिम दिशा में बढ़ती हैं।

मॉनसून आरंभ/प्रगति की नई सामान्य तिथियों केअनुसार, दक्षिण पश्चिम मॉनसून 22 मई के आसपास अंडमान सागर के ऊपर बढ़ता हैं।

वर्तमान में दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी एवं समीपवर्ती क्षेत्रों में एक  निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अगले 12 घंटों के दौरान इसी क्षेत्र में एक दबाव के रूप में संकेंद्रित होने का अनुमान है औरफिर तीव्र होकर 16 मई की शाम तक दक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों मेंएक चक्रवाती तूफान में सघन हो जाने की संभावना है।

इस घटना से जुड़ने केकारण, अगले 48 घंटों के दौरान दक्षिण पश्चिम मॉनसून के अंडमान सागर, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह एवं दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के कुछ भागों की ओर बढ़ने का अनुमान है।

पिछले आंकड़े प्रदर्शित करते हैं कि अंडमान सागरके ऊपर मॉनसून के बढ़ने की तिथि का कोई भी संबंध न तो केरल के ऊपर मॉनसून के आरंभ होने की तिथि से है और न ही देश में मौसमी मॉनसून की वर्षा से है।