कोच्चि, 23 जनवरी | पूर्व रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने यहां सोमवार को कहा कि केरल में शिक्षा क्षेत्र, खास तौर पर इसका स्ववित्त पोषित और सहायता प्राप्त हिस्सा सबसे ज्यादा भ्रष्ट है। एक सार्वजनिक सभा में एंटनी ने कहा, “सतर्कता विभाग को इन क्षेत्रों की जांच का अपना काम शुरू करना चाहिए। यह अब सबसे ज्यादा भ्रष्ट हिस्से बन गए हैं।”
संयोग से साल 2001 में मुख्यमंत्री के रूप में एंटनी ने ही इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य पेशेवर पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए आवेदन करने वालों को अनापत्ति प्रमाणपत्र देकर पेशेवर शिक्षा क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया था।
तब तय हुआ था कि मेरिट और प्रबंधन के 50:50 प्रतिशत सीटों के फार्मूला के आधार पर दाखिला होना चाहिए।
लेकिन, स्थिति तब बिगड़ गई जब प्रबंधन ने अदालती निर्देशों के जरिए नियम को ढीला कर दिया जिसने सरकारों और प्रबंधनों के बीच लंबी कानूनी लड़ाई को जन्म दिया जो आज भी जारी है।
साल 2001 से पहले राज्य में एक दर्जन इंजीनियरिंग कॉलेज और आधा दर्जन मेडकल कॉलेज थे। अब राज्य में 125 इंजीनियरिंग कॉलेज और दो दर्जन मेडिकल कॉलेज हैं, जहां प्रबंधन छात्रों और अभिभावकों से मनमानी फीस वसूल रहे हैं।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि एंटनी ने निजी शैक्षणिक संस्थानों के प्रबंधनों की निंदा की है, लेकिन इस बार उन्होंने मांग तक कर दी है कि भ्रष्ट प्रबंधनों को कानून के कटघरे में खड़ा करने के लिए सतर्कता विभाग एक सघन जांच करे। –आईएएनएस
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