मप्र : गोटमार मेले में पत्थर युद्घ में 34 घायल

छिंदवाड़ा, 2 सितम्बर | मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्ना में शुक्रवार को आयोजित गोटमार मेले में परंपरा अनुसार दो गांवों के लोगों के बीच पत्थर युद्घ जारी है। इसमें अबतक 34 लोग घायल हो चुके हैं। आयोजन स्थल पर भारी सुरक्षा बल की तैनाती के साथ ही घायलों के उपचार के लिए चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों को लगाया गया है। जिला पुलिस अधीक्षक जी. के. पाठक ने आईएएनएस को बताया, “वषरें से चली आ रही परंपरा के अनुसार शुक्रवार को भी गोटमार मेला लगा है। यहां जारी पत्थरबाजी में 34 लोग घायल हुए हैं। इस बार प्रशासन ने गोफन (रस्सी में बांधकर पत्थर फेंकना) के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगा दी है, क्योंकि रस्सी में बांधकर पत्थर फेंकने से उसकी रफ्तार कई गुना बढ़ जाती है और सामने वाले को ज्यादा आघात पहुंचाती है।”

पाठक ने आगे कहा, “सुरक्षा के लिए 500 से ज्यादा जवानों की तैनाती की गई है। साथ ही घायलों के बेहतर उपचार के लिए चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी तैनात हैं और एंबुलेंस भी मौके पर मौजूद है।”

छिंदवाड़ा के पांढुर्ना में परंपरा के अनुसार, चंडीमाता मंदिर के पास जाम नदी पर सावरगांव और पांढुर्ना के लोग गोटमार मेले में शुक्रवार को एक-दूसरे पर पत्थर बरसा रहे हैं।

पाठक के अनुसार, बड़ी संख्या में सुबह से ही लोग मेले में पहुंच रहे हैं और दोपहर तक पत्थरबाजी शुरू हो गई।

स्थानीय लोगों के अनुसार, गोटमार मेला एक प्रेमी युगल की प्यार की खातिर जान देने की याद में आयोजित किया जाता है। किंवदंती है कि पांढुर्ना के लड़के को सावरगांव की लड़की से प्रेम था और वह लड़की को उठा ले गया था। इस घटना को लेकर दोनों गांव के लोगों में जमकर पत्थरबाजी हुई थी और इसमें प्रेमी युगल मारे गए थे। इसी घटना की याद में हर साल गोटमार मेला लगता है।

परंपरा के अनुसार, जाम नदी के बीच पलाश के पेड़ पर एक झंडा लगाया जाता है। नदी के दोनों किनारों पर गांव के लोग खड़े होकर उस झंडे को गिराने के लिए पत्थर चलाते हैं। जिस गांव के लोग झंडे को गिरा देते हैं, उसे विजेता माना जाता है।          –आईएएनएस