भोपाल, 07 जनवरी (जस)। मध्यप्रदेश के वन, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार नरसिंहपुर जिले के घाट पिपरिया (महादेव पिपरिया) में नर्मदा सेवा यात्रा में सपत्नीक शामिल हुए। उन्होंने जन-संवाद कार्यक्रम में कहा कि माँ नर्मदा का प्रवाह अविरल बना रहे, इसके लिए नर्मदा के दोनों तरफ एक- एक किलोमीटर के दायरे में छायादार और फलदार वृक्ष लगाये जायें। उन्होंने कहा वन विभाग जंगल एवं शासकीय भूमि पर वृक्षारोपण करेगा, जो किसान अपनी निजी जमीन पर फलदार वृक्ष लगायेंगे उन्हें शासन की ओर से तीन वर्ष तक 20 हजार रूपये प्रति हेक्टर प्रति वर्ष सहायता दी जायेगी।
फोटो: डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने “नमामि देवी नर्मदे” – सेवा यात्रा के दौरान नरसिंहपुर जिले के घाट पिपरिया में पौधरोपण किया।
वन मंत्री ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा जनांदोलन का रूप ले चुकी है। इस यात्रा से पर्यावरण एवं जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। साधु- संत और धर्माचार्य अब पर्यावरण के महत्व को प्रमुखता से जन- सामान्य को बता रहे हैं और पर्यावरण सुधार के प्रति लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज ने कहा कि नर्मदा जल संरक्षण के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। हम असावधानीवश भी ऐसा कोई कार्य न करें, जिससे नर्मदा का जल प्रदूषित हो। नर्मदा तट के गाँवों में शौचालयों का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाये। कोई भी खुले में शौच के लिए नहीं जाये, इसके लिए निरंतर जागरूकता बनी रहे। यह प्रसन्नता की बात है कि नरसिंहपुर जिले के नर्मदा तट के सभी ग्राम खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं।
वन मंत्री ने नर्मदा सेवा यात्रा के ध्वज, कलश और कन्या पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वन मंत्री डॉ. शेजवार ने महादेव पिपरिया में नर्मदा तट पर पौधा रोपा। उन्होंने पौध-रोपण करने और उनका संरक्षण करने पर बल दिया।
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