भोपाल, 24 मई (जनसमा)। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नर्मदा सेवा यात्रा दुनिया में मानव के अस्तित्व को बचाने का महाअभियान है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नदियों से वैज्ञानिक तरीके से रेत खनन की व्यवस्था की जायेगी। प्रदेश की खनन नीति को भी बदला जायेगा। रेत के मूल्य को नियंत्रित रखने की व्यवस्था की जायेगी। शिवराज बुधवार को मुख्यमंत्री निवास में नर्मदा सेवा मिशन की वृक्षारोपण में जनभागीदारी के लिये पंजीयन वेबसाईट (http://www.namamidevinarmade.mp.gov.in) के लांचिग कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। चौहान ने वेबसाईट का लोकार्पण किया तथा नर्मदा मैया की जय के साथ वृक्षारोपण के लिये उपस्थितों को संकल्पित करवाया। अभियान से जुड़ने के इच्छुक व्यक्ति वेबसाईट पर पंजीयन करा सकते हैं।
फोटो : शिवराज सिंह चौहान भोपाल में नर्मदा सेवा मिशन की वेबसाइट का लोकार्पण करते हुए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री चौहान ने अपनी धर्मपत्नी साधना सिंह के साथ नर्मदा सेवा मिशन के प्रथम स्वयं सेवक के रूप में पर पंजीयन करवाया।
उन्होंने कहा कि नर्मदा सेवा मिशन के तहत हर वर्ष वृहद वृक्षारोपण किया जायेगा। आगामी दो जुलाई को नर्मदा के तट और संपूर्ण कैचमेंट एरिया में वृक्षारोपण किया जायेगा। वन, राजस्व भूमि में वन प्रजाति और निजी भूमि पर फलदार पौधे लगाये जायेगें। पेड़ों को जिंदा रखने के सभी जरूरी कार्य किये जायेंगे। इसके साथ ही ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर मल-जल को नर्मदा की विपरीत दिशा में ले जाया जायेगा। उसे रि-सायकल कर बागानों, खेतों आदि में छोड़ा जायेगा। धर्म-प्रमुखों ने पूजन-विधि भी बदली है। पूजन-सामग्री विर्सजन के कुंड भी बन रहे है। जैविक खेती को बढ़ाया जायेगा।
शिवराज ने कहा कि पर्यावरण और विकास में संतुलन जरूरी है। निर्माण के लिये रेत के साथ नदियों का अस्तित्व भी जरूरी है। नदियों से सिल्ट उठाने के लिये जितना आवश्यक है, उतना ही उत्खनन हो। ऐसे प्रबंध किये जायेंगे। मशीनों से रेत उत्खनन पूर्णत: बंद किया गया है। उत्खनन पर खनिज निगम का नियंत्रण होगा। वही उसका मूल्य भी निर्धारित करेगा ताकि गरीबों को मकान बनाने के लिये सस्ती दर पर रेत की आसान उपलब्धता हो। ठेके से रेत उत्खनन व्यवस्था को बदला जायेगा। उत्खनन कार्य मजदूरों से होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा सेवा अभियान को अन्य नदियों पर भी लागू किया जायेगा। इसे पर्यावरण के अन्य क्षेत्रों में भी विस्तारित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अभियान जनता का है, उसे ही आगे रहना होगा। अभियान में सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि नदी पर्यावरण संरक्षण के इस महायज्ञ में आहूति देने के लिये आगे आयें। मुख्यमंत्री ने जन-जागृति की अलख जगाने का आव्हान किया तथा कहा कि आगामी दो जुलाई को पौधरोपण करने वालों का ऐसा मेला लगे, जिसे देख देश-दुनिया चमत्कृत हो जाये।
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