भोपाल, 31 मार्च | मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को ऐलान किया कि राज्य की विधानसभा के मानसून सत्र में बालिकाओं के साथ दुराचार करने वालों को मृत्युदंड देने के प्रावधान वाला विधेयक पेश किया जाएगा। मप्र पुलिस अकादमी में को पुलिसकर्मियों के संयुक्त दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा, “राज्य की विधानसभा के अगामी मानसून सत्र में दुराचारियों को मृत्युदंड देने का विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा, जिसे पारित होने के बाद राष्ट्रपति को भेजा जाएगा।”
मुख्यमंत्री चौहान ने आगे कहा, “पुलिस सेवा को स्वीकारना देश और समाज के लिए अपनी जिंदगी सौंपना है। देश-प्रदेश के विकास की पहली शर्त है कि कानून और व्यवस्था बेहतर हो। इसके लिए जरूरी है कि पुलिस का व्यवहार जनता के लिए फूल-सा कोमल, अपराधियों के लिए वज्र सा कठोर हो।”
मुख्यमंत्री ने नवदीक्षित पुलिसकर्मियों से कहा, “पुलिस उनकी दूसरी माता है। उसका मान-सम्मान रखना उनका परम कर्तव्य है। उसकी लाज बनाए रखने के लिए जरूरी है कि उसकी छवि धूमिल नहीं हो। उसे ऐसे लोगों से बचकर रहना होगा जो गलत कामों में लिप्त हैं।”
उन्होंने भरोसा दिलाया कि पुलिस की आवश्यकताओं को पूरा करने में सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा। पुलिस के 30 हजार नए पद स्वीकृत किए गए हैं। कुल 25 हजार नए पुलिस आवास बनवाए जा रहे हैं। सीसीटीवी कैमरे और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को शांति का टापू बनाने का श्रेय पुलिस को है। पुलिस ने ट्रेन विस्फोट के अपराधियों को मात्र तीन घंटे के भीतर पकड़ने का कार्य किया है।
इस मौके पर पुलिस अकादमी के निदेशक सुशोभन बनर्जी ने बताया कि पहली बार पुलिस अकादमियों का संयुक्त दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया है। इस 89वें दीक्षांत समारोह में कुल 633 पुलिसकर्मियों को मुख्यमंत्री ने विभाग में शामिल करने की औपचारिकता पूर्ण की। इनमें 478 पुरुष एवं 155 महिला पुलिसकर्मी है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने परेड का निरीक्षण किया और सलामी ली। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने अकादमी की स्मारिका का विमोचन किया और पासआउट पुलिसकर्मियों से परिचय प्राप्त किया।
कार्यक्रम में महापौर आलोक शर्मा, अपर मुख्य सचिव गृह के.के. सिंह, पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे। –आईएएनएस
(फाइल फोटो)
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