नई दिल्ली, 19 जुलाई । गुरु पूर्णिमा दिवस के अवसर पर एक अनोखे कार्यक्रम में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शिक्षा क्षेत्र से आये सांसदों को सम्मानित किया। यह समारोह आज संसद भवन में आयोजित हुआ।
अकादमिक पृष्ठभूमि के सांसदों के सम्मान में मंत्री ने उन सभी को तुलसी का बिरवा और महात्मा गांधी की कृतियों के संकलन वाली सीडी भेंट की। सबसे पहले उन्होंने वरिष्ठतम सांसद डॉ. कर्ण सिंह को उपहार भेंट किया। उन्होंने राष्ट्र के आमूल विकास में संलग्न शिक्षक समुदाय के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कहा, ‘शिक्षा केवल वहीं समृद्ध होती है, जहां शिक्षकों का सम्मान किया जाता है।’
जावड़ेकर ने कहा कि इस समय संसद में 50 सांसद ऐसे है जो अकादमिक पृष्ठभूमि से आये हैं। आम धारणा के विपरीत यह उत्कृष्टता की एक महान संस्था है।
उन्होंने बताया कि कार्यभार सम्भालने के बाद उन्होंने सबसे पहले ‘गुरु प्रणाम’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। उन्होंने कहा कि सबको बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि शिक्षक अपने दायित्वों को निभाते हुए शिक्षा के क्षेत्र में चमत्कार करने की क्षमता रखते हैं। इस संबंध में उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड में जिस गांव को उन्होंने गोद लिया है, वहां के स्कूल में 7 महीने के अंदर ही 82 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण होने लगे हैं, जबकि पहले यह आंकड़ा 28 प्रतिशत था। उन्होंने बताया कि अंतर-राज्यीय परिषद की हालिया बैठक में सभी मुख्यमंत्रियों ने बेहतर शिक्षा के मुद्दे पर गहन चर्चा की।
अपने संबोधन में डॉ. कर्ण सिंह ने शिक्षकों को सम्मानित करने की पहल करने के लिए प्रकाश जावड़ेकर को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि गुरु को महत्व और सम्मान देने की भारत में परम्परा रही है। डॉ. कर्ण सिंह ने कहा कि गुरु के पास ज्ञान का सागर होता है और वह अज्ञानता के अंधकार को दूर करता है।
इस अवसर पर राज्यसभा के उपसभापति प्रोफेसर पी. जी. कुरियन, मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेन्द्र कुशवाहा, मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डॉ. एम. एन. पांडेय, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूडी, प्रोफेसर राम शंकर कथेरिया, प्रोफेसर सौगत रॉय, डॉ. सत्यनारायण जटिया, जनार्दन द्विवेदी, प्रोफेसर राम गोपाल यादव, प्रोफेसर के. वी. थॉमस, डॉ. सुब्रमण्यन स्वामी, डॉ. सी. पी. ठाकुर, प्रोफेसर एम. वी. राजीव गौड़ा, प्रेम सिंह चंदूमाजरा और अन्य संसद सदस्य उपस्थित थे।
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