मुंबई, 25 फरवरी | बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव में किसी को भी बहुमत न मिलने के बाद महापौर पद के लिए शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर कांग्रेस में शनिवार को गंभीर मतभेद उभर कर सामने आया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव तथा वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुरुदास कामत ने बीएमसी में शिवसेना को किसी भी तरह के समर्थन के प्रति ‘कड़ा विरोध’ जताया है।
कामत ने एक बयान में कड़े शब्दों में कहा है, “हम दोनों भगवा पार्टियों से उनकी विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ लड़ते रहे हैं और अगर हमने उनके साथ गठबंधन का प्रयास किया, तो जनता हमें कभी माफ नहीं करेगी।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “मैंने अपनी राय से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भी अवगत करा दिया है। बीएमसी में शिवसेना के समर्थन के लिए मैं किसी भी चर्चा पर कड़ा विरोध जताता हूं, चाहे वह गठबंधन के लिए हो या अप्रत्यक्ष समर्थन के लिए हो।”
उन्होंने कहा है कि शिवसेना तथा भाजपा अपनी समस्याओं का समाधान खुद करें और इस प्रक्रिया में “दोनों दलों को और सत्ता की उनकी भूख को बेनकाब किया जाए।”
कामत का विरोध ऐसे समय में सामने आया है, जब एक दिन पहले शुक्रवार को महाराष्ट्र कांग्रेस में कथित तौर पर इस तरह की चर्चा हुई है कि यदि बीएमसी महापौर पद के लिए शिवसेना-भाजपा में समझौता नहीं हो पाता है, तो इस पद के लिए शिवसेना का समर्थन किया जाना चाहिए।
वहीं, कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष अशोक चव्हाण तथा पार्टी के वरिष्ठ नेता नारायण राणे मुद्दे पर पहले ही अपना मत जाहिर कर चुके हैं।
चव्हाण ने कहा, “क्या शिवसेना कोई शत्रु है? नहीं, राजनीति में कोई शत्रु नहीं होता, यह मेरा विचार है।”
उन्होंने हालांकि कहा कि कांग्रेस किसी चीज का वादा नहीं कर रही है और आगे के घटनाक्रम पर पैनी नजर बनाए हुए है।
चव्हाण ने कहा, “हमें यह बात ध्यान में रखनी होगी कि शिवसेना का भाजपा के साथ महाराष्ट्र और केंद्र में भी गठबंधन है। अगर वे सरकार से बाहर निकलते हैं, तो हम आगे विचार कर सकते हैं। पहले उन्हें तय करने दीजिए।”
उल्लेखनीय है कि 227 सीटों वाले बीएमसी में शिवसेना 84 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि भाजपा ने इससे मात्र दो सीटें कम यानी 82 सीटों पर जीत दर्ज की है।
कांग्रेस 31 सीटें जीतकर तीसरे स्थान पर है, जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने नौ, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने सात, समाजवादी पार्टी (सपा) ने छह सीटें जीती हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने दो सीटें, एक स्थानीय पार्टी ने एक सीट, जबकि निर्दलीयों ने पांच सीटें जीती हैं।
शिवसेना को चार निर्दलीय पार्षदों का भी समर्थन है, जिनके नामों की घोषणा कर दी गई है। वहीं भाजपा भी चार निर्दलीय पार्षदों के समर्थन का दावा कर रही है, जिनके नाम उसने नहीं बताए हैं।
–आईएएनएस
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