मसूरी हमारी पहचान व शान है : हरीश रावत

देहरादून, 3 सितम्बर (जस)। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शुक्रवार को मसूरी स्थित टाउनहाॅल में विकास की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास करते हुए कहा कि मसूरी हमारी पहचान व शान है, यहाॅ के लिए जितना भी किया जाय कम है। हमें मसूरी का विकास नियोजित तथा सभी की सक्रिय सहभागिता से करना होगा। मसूरी उत्तराखण्ड की सामूहिक पहचान है। राज्य व मसूरी शहर का विकास मात्र राज्य सरकार के एकांगी प्रयासों से सम्भव नही है बल्कि इसमें सभी नागरिकों का सक्रिय सहयोग आवश्यक है।

रावत ने कहा कि राज्य सरकार मसूरी में जल आपूर्ति की समस्या का शीघ्र समाधान चाहती है परन्तु उत्तराखण्ड जैसे छोटे राज्य के लिए 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था करना भी एक बड़ी चुनौती है। सभी नागरिकों से अपील है कि जल संरक्षण की दिशा में सभी लोग अपने अपने स्तर से प्रयास करे। मसूरी आबादी के हिसाब से एक छोटा शहर है परन्तु आकांक्षाओं के स्तर पर एक बड़ा शहर है। हमें आने वाले समय में मसूरी की अनेक समस्याओं का समाधान खोजना है जिसमें जाॅर्ज एवरेस्ट से लेकर कब्रिस्तान की चारदीवारी तक शामिल है। मसूरी व नैनीताल जैसे शहरों की नगर पालिकाओं का स्तर अत्यन्त उच्च स्तर का होना चाहिये । इन नगर पालिकाओं के अध्यक्षों को नई पहले करनी चाहिये।

मुख्यमंत्री रावत ने सभी योजनाओं को राज्य आन्दोलनकारी शहीदों को समर्पित किया। रावत ने स्थानीय जनता को सम्बोधित करते हुए कहा कि मसूरी में पार्किंग की समस्या को सुलझाने के लिए सभी नागरिकों को होम पार्किंग की व्यवस्था करनी होगी जिसके अन्तर्गत अपने घर में अपने वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था के साथ ही एक अतिरिक्त वाहन के लिए भी पार्किंग की व्यवस्था की जा सकती है।

हरीश रावत ने मसूरी के नागरिकोें तथा युवाओं का आह्वान करते हुए उन्हें प्रत्येक क्षेत्र में आगे आने के लिए कहा। विकसित क्षेत्रों को अपने आस पास के कम विकसित क्षेत्रों के विकास के लिए आगे आना चाहिये। मसूरी एक विकसित शहर है उसे अपने आस पास के गांव के विकास के लिए कार्य करना चाहिये। राज्य के सभी विकसित क्षेत्रों के आस पास के गांवों को विकसित शहरों में स्थानीय उत्पादों की सप्लाई का कार्य करना होगा जिससे की स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। विकसित पर्यटक स्थलों के आसपास छोटे सर्किट विकसित करने की आवश्यकता है जिससे के पर्यटकों को लोकप्रिय पर्यटक स्थलों के अतिरिक्त नए आकर्षण स्थलों से परिचित करवाया जा सके तथा पर्यटन क्षेत्र का पर्याप्त दोहन किया जा सके।