उपराष्ट्रपति एम वेकैंया नायडू ने संयुक्त राष्ट्र और अऩ्य बहुराष्ट्रीय संगठनों से मांग की हैं कि वे आर्थिक भगोड़ो के प्रत्यर्पण के लिए कार्यनीति तय करें।
वे 27 नवंबर को नई दिल्ली में सीआईटीआई हीरक जयंती समारोह के सिलसिले में आयोजित सीआईटीआई ग्लोबल टेक्सटाइल्स सम्मेलन 2018 को संबोधित कर रहे थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत की विकास गाथा में विश्व समुदाय गहरी रूचि ले रहा है।
नायडू ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और विश्व समुदाय को ऐसा समझौता करने की दिशा में अग्रणी भूमिका अवश्य निभानी चाहिए, जिससे बैंक खातों के बारे में जानकारी का आदान-प्रदान संभव हो सके।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा का परिदृश्य बनाए रखने के लिए जवाबदेही और पारदर्शिता, व्यापार में ईमानदारी और उत्पादों में मानक अपनाना अत्यंत आवश्यक है।
नायडू ने कहा कि भारत में कच्चा माल, प्रशिक्षित कामगार, विनिर्माण क्षमता, व्यापक कताई, बुनाई, प्रोसेंसिग और परिधान विनिर्माण जैसी सुविधाओं को देखते हुए देश को विश्व प्रतिस्पर्धा में निश्चित रूप से लाभ होगा।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत को परम्परागत कारीगरों और आधुनिक पद्धतियों का संयुक्त रूप से लाभ प्राप्त हैं।
नायडू ने कहा कि आज विश्व चौथी औद्योगिक क्रांति की ओर बढ़ रहा है जो साइबर भौतिक प्रणालियों पर आधारित है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में भारतीय वस्त्र उद्योग को 4.0 में अवश्य अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए क्योंकि भारत को आईटी क्षेत्र में अनेक लाभ प्राप्त हैं।
उपराष्ट्रपति ने कोटक कमोडिटीज के सीएमडी सुरेश कोटक को लाइफ टाइम उपलब्धि पुरस्कार से सम्मानित किया और टेक्सटाइल्स क्षेत्र की 5 अन्य विभूतियों को उत्कृष्टता के लिए पुरस्कारों से सम्मानित किया।
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